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खलंगा के जंगलों को बचाने के लिए उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा का आंदोलन तेज

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देहरादून, 14 जून 2025:
देहरादून के नालापानी क्षेत्र स्थित खलंगा के संरक्षित जंगलों पर अवैध कब्जे के खिलाफ अब जन आंदोलन की शुरुआत हो गई है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी अपने कार्यकर्ताओं के साथ आज खलंगा पहुंचे और आरोप लगाया कि भू-माफियाओं द्वारा जंगल की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा है।

40 बीघा संरक्षित भूमि पर अवैध निर्माण का आरोप

मोहित डिमरी ने बताया कि खलंगा के संरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 40 बीघा भूमि को भू-माफिया ने घेर लिया है। उन्होंने न सिर्फ तारबाड़ लगाकर क्षेत्र को सीमांकित किया है, बल्कि वहां गेट लगाकर निजी कब्जा शुरू कर दिया है। यह कार्य पूरी तरह वन कानूनों और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन है।

प्रशासन पर उदासीनता का आरोप

डिमरी ने कहा कि कई बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे भू-माफियाओं के हौसले और बुलंद हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

खलंगा का ऐतिहासिक महत्व

ज्ञात हो कि खलंगा क्षेत्र न केवल वन संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह क्षेत्र 1814 की खलंगा युद्ध का गवाह रहा है, जहां गोरखा सैनिकों और अंग्रेजों के बीच ऐतिहासिक लड़ाई हुई थी।

जन समर्थन की अपील

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने प्रदेश के नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वे खलंगा के जंगलों को बचाने के लिए आगे आएं और इस अभियान का हिस्सा बनें।

Reported By: Shiv Narayan

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