देहरादून, 14 जून 2025 (सू.वि.) – आपदा की घड़ी में अब देहरादून जिले के नागरिकों को त्वरित अलर्ट और सुरक्षित दिशा-निर्देश देने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व और मा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन सिस्टम का परीक्षण शनिवार को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में सफलतापूर्वक किया गया।
अब देहरादून बोलेगा आपदा में अलर्ट की आवाज़!
डीएम सविन बंसल ने बताया कि यह प्रणाली जिले में आपातकालीन चेतावनी प्रणाली को नई ऊंचाई देगी। प्रथम चरण में घनी आबादी वाले 15 प्रमुख स्थानों, जैसे पुलिस थाना और चौकियों में 8 किमी और 16 किमी तक सुनाई देने वाले उच्च तकनीक सायरन लगाए जा रहे हैं। परीक्षण के दौरान इन सायरनों की आवाज़ पूरे क्षेत्र में प्रभावी रूप से सुनी गई।
रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम भी जल्द
जिले में पहली बार डीएम की पहल पर मिलिट्री, पैरामिलिट्री, एयरपोर्ट, बड़े अस्पतालों और ISBT जैसी वायटल यूनिट्स पर “रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम” लगाने की तैयारी है। यह प्रणाली आपातकाल में सभी रणनीतिक संस्थानों के साथ एकीकृत संचार सुनिश्चित करेगी, जिससे युद्ध, हवाई हमले या अन्य गंभीर आपदाओं में तत्काल प्रतिक्रिया संभव हो सकेगी।
द्वितीय चरण में ऋषिकेश, चकराता, विकासनगर होंगे शामिल
जिलाधिकारी ने बताया कि दूसरे चरण में ऋषिकेश, विकासनगर, चकराता सहित अन्य शहरी क्षेत्रों में भी इन आधुनिक सायरनों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए तैयारी एडवांस स्टेज में है और जल्द ही कार्य आरंभ किया जाएगा।
1970 के दशक के सायरनों की जगह लेगा आधुनिक सिस्टम
डीएम ने बताया कि पहले देहरादून में 1970 के दशक के पुराने सायरन काम कर रहे थे, जो अब घनी आबादी में अप्रभावी हो चुके थे। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए अब आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त सायरनों को लगाया जा रहा है ताकि आवाज़ हर नागरिक तक पहुंचे और खतरे की स्थिति में लोग तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर जा सकें।
सायरन की रेंज और ट्रिगर सिस्टम की खासियत
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कुल 15 सायरन:
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6 सायरन – 16 किलोमीटर रेंज
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9 सायरन – 8 किलोमीटर रेंज
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ट्रिगर पॉइंट: संबंधित थाना, पुलिस चौकी एवं जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र
सिविल डिफेंस को मिलेगा मजबूती का नया स्तंभ
डीएम ने कहा कि यह पूरा सिस्टम सिविल डिफेंस को और अधिक मजबूत बनाएगा, जिससे आपदा की स्थिति में प्रशासन त्वरित और सटीक कार्रवाई कर सकेगा। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सायरनों की स्थापना ऐसे स्थानों पर हो जहां कोई अवरोध न हो और उनकी आवाज़ हर नागरिक तक स्पष्ट रूप से पहुंचे।
उपस्थित अधिकारीगण
इस परीक्षण कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, एसडीएम सदर हरिगिरि, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी, आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ सहित कई अन्य अधिकारी एवं तकनीकी स्टाफ उपस्थित रहे।
Reported By : Rajesh Kumar