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महाशिवरात्रि आ गई लेकिन हमारे मूल आदि विश्वेश्वर अभी भी जलाभिषेक पूजा पाठ राग भोग से वंचित हैं। इतना ही नहीं ज्ञानवापी सर्वेक्षण के दौरान वजूखाने में प्रकट हुए शिव लिंग की भी पूजा पाठ राग भोग के मुकदमे के फैसले पर भी रोक लगी हुई है।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कारण ज्ञानवापी के मुकदमे में फैसला नहीं आ पा रहा है। उक्त पीड़ा ज्ञानवापी में प्रकट हुए शिव लिंग की अर्जेंट पूजा पाठ की मांग कर रहे वाराणसी कोर्ट में वादी शैलेन्द्र योगिराजसरकार ने ब्यक्त की है जो कि जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य हैं।
उन्होंने कहा कि आज अत्यन्त ही पीड़ा हो रही है कि हम हिन्दू आज अपने मूल आदि विश्वेश्वर पर जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं और बगल में बने काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतीक पूजा पाठ व जलाभिषेक करने को मजबूर हैं। शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने ज्ञानवापी में प्रकट हुए शिव लिंग की पूजा पाठ राग भोग की अर्जेंट याचिका दाखिल की हुई है जिसमें नियमित सुनवाई भी चल रही थी और मुकदमा फाइनल हियरिंग फैसले पर लगा हुआ था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की वजह से आज उस मुकदमे में भी कुछ नहीं हो पा रहा है यह हम सनातनी हिन्दुओं की बहुत बड़ी पीड़ा है।
वादी शैलेन्द्र योगिराजसरकार ने कहा कि अब इस निर्देश के खिलाफ ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में अतिशीघ्र अपील दाखिल करूंगा। वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी केस की पैरवी अधिवक्ता डाक्टर एस के द्विवेदी बच्चा जी व अधिवक्ता भूपेन्द्र सिंह कर रहे हैं।
Reported By: Tilak Sharma