उत्तराखंड। ग्रीष्मकालीन चार धाम यात्रा की सफलता के बाद अब राज्य सरकार शीतकालीन यात्रा को लेकर व्यापक तैयारियों में जुटी हुई है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को शीतकालीन यात्रा की ओर आकर्षित करना और भगवान के शीतकालीन गद्दी स्थलों पर भक्तों को दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू हुई शीतकालीन यात्रा
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में तीर्थाटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए शीतकालीन चार धाम यात्रा का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार और बीकेटीसी मिलकर कार्य योजना पर काम कर रहे हैं।
तीर्थाटन को बढ़ावा देने की योजना
अजेंद्र अजय ने कहा कि शीतकालीन चार धाम यात्रा को गति देने के लिए तमाम व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। यात्रा को सफल बनाने के लिए पर्यटन, सड़क, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इस योजना के तहत स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
शीतकालीन गद्दी स्थलों का महत्व
शीतकालीन यात्रा के तहत भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के गद्दी स्थल प्रमुख आकर्षण होंगे। सरकार की मंशा है कि श्रद्धालु इन गद्दी स्थलों पर आकर पूजा-अर्चना करें और राज्य के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को करीब से जानें।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार
सरकार की कार्य योजना में शीतकालीन यात्रा के मार्गों पर बेहतर सड़कें, रुकने के लिए आवासीय सुविधा, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। बीकेटीसी ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है।
शीतकालीन चार धाम यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड सरकार तीर्थाटन को सालभर का आकर्षण बनाना चाहती है, जिससे न केवल श्रद्धालु लाभान्वित होंगे, बल्कि राज्य के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊर्जा मिलेगी
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Reported By : Shiv Narayan