Home » उत्तराखंड पुलिस- महानिदेशक मुख्यालय

उत्तराखंड पुलिस- महानिदेशक मुख्यालय

उत्तराखंड पुलिस

Loading

दिनांक 09 सितंबर 2024 को श्री अभिनव कुमार,  महानिदेशक उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में अपराधों की रोकथाम और पुलिसिंग को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उनका मुख्य उद्देश्य है कि आम जनता के बीच सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं:

रात्रि गश्त की बढ़ती सक्रियता:

रात्रि के समय आपराधिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, जिससे चोरी, लूट,

डकैती और महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाएं होती हैं। इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की रात्रि गश्त को सख्त किया जाए।

 

आपराधिक हॉटस्पॉट की पहचान और गश्त:

प्रत्येक जनपद में थानावार आपराधिक घटनाओं के हॉटस्पॉट की पहचान कर उनकी

मैपिंग की जाए। इन स्थानों पर प्रभावी गश्त, फुट पैट्रोलिंग और चेकिंग की व्यवस्था की जाए।

 

मुख्य चौराहों और बाजारों में पैदल गश्त:

सभी थाना और चौकी क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन,

पार्क आदि के आस-पास प्रतिदिन पैदल गश्त अनिवार्य रूप से की जाए।

 

संवेदनशील मार्गों पर गश्त:

संवेदनशील मार्गों पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए जाएं।

इसके अतिरिक्त, संवेदनशील स्थानों पर पुलिस पिकेट्स और महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

 

रात्रि गश्त का रोस्टर:

सभी जनपद प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि गश्त और चेकिंग के लिए प्रत्येक दिन

एक क्षेत्राधिकारी की ड्यूटी लगाई जाए। अपर पुलिस अधीक्षक इस गश्त और चेकिंग का निरीक्षण करेंगे।

 

रात्रि गश्त की निगरानी:

सभी जनपद प्रभारी रात्रि 1 बजे तक स्वयं गश्त का निरीक्षण करेंगे और गश्त पार्टियों की रैंडम चेकिंग करेंगे।

अनुपस्थित, शिथिल और लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

 

भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में गश्त:

राजपत्रित पुलिस अधिकारी और थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र में प्रतिदिन सांयकाल भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और

कस्बों में कम से कम एक घंटे पैदल गश्त करेंगे।

 

आपराधिक तत्वों की चेकिंग:

फुट पैट्रोलिंग और गश्त चेकिंग के दौरान सक्रिय अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर्स और कुख्यात अपराधियों की आकस्मिक चेकिंग की जाएगी।

 

शिक्षण संस्थानों के आस-पास गश्त:

स्कूल, कॉलेज और औद्योगिक क्षेत्रों के आस-पास खुलने और बंद होने के समय प्रभावी पैदल गश्त की जाएगी।

संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग की जाएगी।

 

जनता से संपर्क और सहयोग:

पैदल गश्त के दौरान अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को जनता से संपर्क कर सुरक्षा की भावना पैदा करने और महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना होगा।

 

मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान:

पुलिस अधिकारी और कर्मचारी जनता से संवाद करते समय उनके मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान करेंगे

और इसका अभिलेखीकरण थानों और कार्यालयों पर किया जाएगा।

 

शालीनता और शिष्टाचार:

फुट पैट्रोलिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को जनता के साथ शालीनता और शिष्टाचार से पेश आना होगा।

 

घुड़सवार पुलिस का प्रयोग:

आवश्यकता के अनुसार मैदानी जनपदों में उपलब्ध घुड़सवार पुलिस का भी प्रयोग किया जाएगा।

– उत्तराखंड पुलिस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *