Home » एम्स, ऋषिकेश में ‘मधुमेह पर मार्गदर्शन: सशक्तिकरण, शिक्षा और कार्रवाई’ कार्यशाला का आयोजन

एम्स, ऋषिकेश में ‘मधुमेह पर मार्गदर्शन: सशक्तिकरण, शिक्षा और कार्रवाई’ कार्यशाला का आयोजन

AIIMS Rishikesh

Total Views-251419- views today- 25 3 , 1

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तत्वावधान में ‘मधुमेह पर मार्गदर्शन: सशक्तिकरण, शिक्षा और कार्रवाई’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया गया है कि कार्यशाला का उद्देश्य नर्सिंग छात्रों में मधुमेह देखभाल से संबंधित जनजागरूकता बढ़ाना और उनकी नैदानिक प्रथाओं को सशक्त बनाना है।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर )मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य प्रो. डॉ. स्मृति अरोड़ा ने की।

कार्यशाला में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में व्याख्यान प्रस्तुत किए, इनमें चिकित्सा विभाग से डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. राकेश शर्मा और डॉ. ऐश्वर्या के अलावा वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी (SNO) पंकज और नर्सिंग ट्यूटर मुरली ने मधुमेह देखभाल और प्रबंधन पर प्रतिभागियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया और महत्वपूर्ण नैदानिक जानकारी साझा की।

कार्यशाला में मधुमेह उपचार में नवीनतम प्रगति, रोगी शिक्षा रणनीतियां और नर्सिंग देखभाल में सर्वोत्तम प्रथाओं आदि विषयों को शामिल किया गया। इंटरैक्टिव चर्चा, व्यवहारिक प्रशिक्षण और केस स्टडी विश्लेषण कार्यशाला की प्रमुख विशेषताएं रहीं, जिससे प्रतिभागियों को मधुमेह प्रबंधन की समग्र जानकारी दी गई।

इस अवसर नर्सिंग प्राचार्य डॉ. स्मृति अरोड़ा ने भारत में बढ़ते मधुमेह के बोझ और रोगी देखभाल में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “नर्सिंग छात्रों को उचित ज्ञान और नैदानिक कौशल से सशक्त बनाना मधुमेह प्रबंधन के परिणामों में सुधार करेगा।”

नर्सिंग फैकल्टी डॉ. मनीष शर्मा ने नर्सिंग पेशेवरों के लिए सतत शिक्षा और व्यवहारिक प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कार्यशाला में छात्रों और संकाय सदस्यों की बढ़चढ़कर भागीदारी की सराहना की और रोगियो की देखभाल को बेहतर बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहा।

इस अवसर पर प्रतिभागियों ने अनुभवी चिकित्सा पेशेवरों से सीखने और व्यवहारिक प्रशिक्षण में भाग लेने के इस अवसर के लिए सभी विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों से आह्वान किया गया कि सीखे गए सिद्धांतों को दैनिक नैदानिक अभ्यास व व्यवहारिकता में उतारा जाना चाहिए, जिससे मधुमेह देखभाल के परिणामों में सुधार हो।

इस दौरान नर्सिंग कॉलेज, एम्स ऋषिकेश ने इस तरह की शैक्षिक कार्याशालाओं के माध्यम से अकादमिक उत्कृष्टता और पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य के नर्सिंग पेशेवर आधुनिक स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हों।

 

Reported By: Arun Sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!