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बागेश्वर जिले में वन अग्नि, वन्यजीव सुरक्षा एवं मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर सचल न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
इस बारे मे वन प्रभाग के वन क्षेत्र अधिकारी श्याम सिंह करायत ने बताया कि अभियान सचल न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) के माध्यम से बालीघाट, आरे, पंद्रहपाली, छैना, हड़बाड़, जाख, गवाड़, अनरसा, शन, नानकन्यालिकोट, बेशानी आदि क्षेत्रों में संचालित किया गया।
इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों को वनाग्नि की रोकथाम, वन्यजीवों की सुरक्षा, मानव-वन्यजीव संघर्ष की समझ एवं समाधान, तथा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं।
उन्होंने बताया कि वन विभाग का टोलफ्री नंबर 1926 है जिस पर वन विभाग से संबंधित समस्या दर्ज किया जा सकता है ।
वन क्षेत्रअधिकारी श्याम सिंह करायत के अनुसार वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास में कमी, जल स्रोतों का सूखना और भोजन की अनुपलब्धता वन्य जीवों को मानव बस्तियों की ओर आने के लिए विवश करती है। इससे फसलों को नुकसान, मवेशियों पर हमले और मानव जीवन पर संकट जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जो स्वयं वन्यजीवों के लिए भी घातक सिद्ध होती हैं।
उन्होंने बताया कि वन विभाग इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है, किंतु जब तक समाज की सक्रिय सहभागिता नहीं होगी, तब तक इस चुनौती पर नियंत्रण संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि वन विभाग का उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिक वन्यजीवों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाए, उनकी गतिविधियों की समय पर सूचना विभाग को दे और संघर्ष से बचाव के उपायों को अपनाए।
उन्होंने ये भी बताया कि बागेश्वर वन क्षेत्र के कुछ भाग जैसे जाख, शन एवं गवाड़ मानव-वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं, जहाँ विशेष सतर्कता एवं निगरानी रखी जा रही है।
देखे वीडियो:
श्याम सिंह करायत,वन क्षेत्रअधिकारी।
Reported By Rajesh Kumar