उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ के पदाधिकारियों ने हाल ही में देहरादून के यमुना कॉलोनी में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण से भेंट की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य जल संस्थान में कार्यरत श्रमिकों के सामने आ रही समस्याओं को उजागर करना था, विशेषकर उन ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे श्रमिकों की जिनकी ई.पी.एफ. (कर्मचारी भविष्य निधि) और ई.एस.आई. (कर्मचारी राज्य बीमा) की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि ये श्रमिक इन लाभकारी योजनाओं से वंचित हैं, जिसका उनके आर्थिक स्थायित्व पर गंभीर असर पड़ रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने इन समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने तुरंत सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को एक पत्र लिखकर समस्या के निवारण के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि “उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से बताया कि पेयजल योजनाओं पर कार्यरत श्रमिकों को समय पर पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो रहा है और ई.पी.एफ. व ई.एस.आई. की राशि का जमा न किया जाना एक गंभीर मुद्दा है।”
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड जल संस्थान के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर कार्यरत 10 विभिन्न ठेकेदारों का विवरण भी प्रस्तुत किया है और इनके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, विभाग द्वारा ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ ब्लैकलिस्ट जैसी कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं, लेकिन शासन स्तर पर उचित दिशा-निर्देश सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संविदा कर्मियों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं, और सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी। उन्होंने श्रमिकों के हितों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा।
इस बैठक ने उत्तराखंड जल संस्थान के श्रमिकों में एक नई आशा की किरण जगाई है कि उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र ही किया जाएगा।