क्राइम पेट्रोल: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “शहर से संवाद” कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए उन्हें जनसेवा को अपना मिशन बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि निकाय प्रतिनिधि अपने पद को केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने का माध्यम समझें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकाय केवल प्रशासनिक इकाइयाँ नहीं, बल्कि शहर की आत्मा हैं। उन्होंने ट्रिपल इंजन सरकार—केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय—के सामूहिक प्रयासों से योजनाओं को प्रभावी ढंग से ज़मीन पर उतारने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए तीन वेब पोर्टल लॉन्च किए, साथ ही शहरी क्षेत्रों में डिजिटल निकाय कार्यालय, रजत जयंती पार्क, वेंडिंग ज़ोन और हाई-टेक हेयर सैलून स्थापित करने की योजनाएं घोषित कीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्पाद वैश्विक ब्रांड्स से बेहतर हैं और मातृशक्ति राज्य की सबसे बड़ी ताकत है।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने पर बल देते हुए पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को कार्यशैली का मूल मंत्र बनाने की बात कही। उन्होंने जल निकासी, कचरा प्रबंधन, ट्रैफिक, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर ठोस कार्यवाही की आवश्यकता जताई।
धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन, पीएम आवास योजना, अमृत मिशन और स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू किया है। उन्होंने प्रदेश में लागू सख्त भू-कानून, समान नागरिक संहिता और नकल विरोधी कानून का ज़िक्र करते हुए बताया कि अब तक 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है और 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारी जेल भेजे जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तराखंड जल्द ही सतत विकास और सुशासन के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।