गरुड़ तहसील के अन्तर्गत आने वाले गांवो में सेरी गाड़, सेरी बगड़ तोक में रहने वाले सैनिकों के परिजनों के घर तक उनके पिछली तीन पीढ़ी से तत्कालीन ग्राम प्रधान एक पैदल आम रास्ता तक नही बना पाये है, दुख तखलीफ में सैनिकों के परिजन डंडी, कंडी के सहारे सड़क तक आने जाने को मजबूर है।
खाद्यान्न संपन्न क्षेत्र गोमती घाटी के अधिक्तर ग्राम प्रधान गांव में बेसिक विकास कार्य भी नही कर पाये है, गोमती घाटी के अधिकतर ग्राम प्रधान पिछले पांच सालों में गांव के अन्दर पैदल आम रास्ते तक नही बना पाये है, ब्लाक गरूड़ में ग्रामीण विकास के लिए आने वाली धनराशि कागजों से आगे नही बढ़ पा रही है, गरुड़ क्षेत्र के ग्रामीण स्तर में अधिकतर ग्राम प्रधान अशिक्षित है।
विकास कि राह देख रहे सैनिकों के परिजन तीन पीढ़ी से एक पैदल आम रास्ता तक नही देख पाये है, मीड़िया से संवाद करते हुये सैनिकों के परिजनों ने अपने जीते जी एक आम पैदल रास्ता का निर्माण घर तक करने कि मांग प्रदेश सरकार से कि है।
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धर्मा देवी, सैनिक कि दादी
मुन्नी देवी, सैनिक कि माँ
पूजा देवी, ग्रामीण महिला
मनीष सिंह बिष्ट, युवा ग्रामीण
गंगा सिंह, बुजुर्ग ग्रामीण
Reported By: Praveen Bhardwaj