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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का समावेशी विकास मॉडल: उत्तराखण्ड के लिए एक नया युग

Uttarakhand

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में समावेशी विकास की दिशा में एक नया मानक स्थापित किया है।

उनके नेतृत्व में राज्य में 310 से अधिक विकास परियोजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, जिसमें विपक्ष के विधायकों के प्रस्ताव भी शामिल हैं।

विपक्ष के प्रस्तावों को भी मिली जगह

मुख्यमंत्री धामी ने सभी दलों के विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के लिए विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आमंत्रण दिया।

इससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिला। अब तक 700 में से 310 से अधिक परियोजनाओं के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं,

जिनमें से 90 परियोजनाएं विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों से हैं। यह मुख्यमंत्री (Uttarakhand) की समावेशी विकास नीति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री के लक्ष्य के साथ सामंजस्य

मुख्यमंत्री धामी का “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” का दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस लक्ष्य के अनुरूप है,

जिसमें 21वीं सदी को उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की सदी बनाने की परिकल्पना की गई है।

धामी ने सभी नागरिकों के विकास को ध्यान में रखते हुए इस योजना को बढ़ावा दिया है।

समयबद्ध कार्यान्वयन

इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री आर०के० सुधांशु ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि

सभी योजनाओं को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए। यह मुख्यमंत्री की उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उत्तराखण्ड के लिए समावेशी विकास मॉडल

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड (Uttarakhand) अब समतापूर्ण विकास की दिशा में अग्रसर है।

सभी दलों के विधायकों के साथ मिलकर उन्होंने समावेशी विकास को बढ़ावा दिया है, जो राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा।

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