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इस बार महाकाल के दरबार केदारनाथ धाम में नहीं होगी आतिशबाजी।

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देहरादून,

केदारनाथ की संवेदनशीलता के साथ ही यहां की धार्मिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए केदारसभा ने धाम में अनावश्यक ढोल एवं अन्य वाद्य यंत्रों के साथ ही आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग की है।
इस संबंध में केदारसभा ने बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को ज्ञापन दिया है।
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को दिए ज्ञापन में केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री अंकित सेमवाल ने कहा है कि केदारनाथ धाम में आए दिन यहां की धार्मिक मान्यता को प्रभावित करने के कार्य किए जाते रहे हैं। धाम में अनावश्यक ढोल वादन, वाद्य यंत्रों व ध्वनियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए।
उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि दीपावली के मौके पर भी केदारनाथ धाम में दीपक जलाएं और दीपक से ही मंदिर और परिसर को सुशोभित करें। आतिशबाजी से इस पवित्र स्थल में प्रदूषण बढ़ेगा जो हिमालय के काफी घातक होगा। उन्होंने इस मौके पर कहा कि पुराणों में केदारनाथ धाम के महत्व को लेकर कहा गया है कि यह स्थान विशाल हिमखंडों एवं ग्लेशियरों एवं दलदल भूमि के बीच है। यहां के धार्मिक और वैज्ञानिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए अनावश्यक वाद्य यंत्रों की आवाज एवं दीपावली पर आतिशबाजी पर रोक लगाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केदारसभा की इस जायज मांग पर बदरी-केदार अपने स्तर से सकारात्मक कार्यवाही करेगी।

 

देखे वीडियो-

राजकुमार तिवारी, अध्यक्ष केदारसभा।

 

 

अंकित सेमवाल, महामंत्री केदारसभा।

 

 

Reported by- Praveen Bhardwaj

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