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इस बार जंगलों में आग ना लगने करण एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काफल पहाड़ से मैदान तक खूब देखने को मिल रहा है।
सुर्ख लाल और बैंगनी रंग लिए बेर के आकर का ये फल अनायास ही अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है।
काफल फल न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक है,बल्कि विटामिन c से भरपूर बहुत सारे औषधीय गुणों से लबरेज होता है।
आज कल ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक सशक्त माध्यम भी बनता जा रहा है। अप्रैल-मई के मौसम में गढ़वाल के जंगलों में भरपूर मात्रा में मिलने वाला काफल, ग्रामीण बच्चों और युवाओं द्वारा एकत्र कर स्थानीय बाजारों में बेचा जाता है। इससे उन्हें आर्थिक लाभ होता है और आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलता है।
देहरादून और पौड़ी जैसे क्षेत्रों में इसकी अच्छी मांग देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार इस दिशा में पहल करे, तो काफल को संगठित स्वरोजगार के रूप में विकसित किया जा सकता है।
देखे वीडियो:
नमन चंदोला(समाज सेवक)
काफल विक्रेता
Reported By: Praveen Bhardwaj