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उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में, भराड़ीसैंण स्थित अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा दो दिवसीय “छात्र संसद 2025” का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एन के जोशी ने वर्चुअल माध्यम से किया।
ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि छात्र संसद जैसे कार्यक्रम भविष्य के नेताओं को तैयार करने का एक सशक्त मंच है और उत्तराखंड की लोककला, संस्कृति और पारंपरिक कृषि को संरक्षित रखना युवाओं की जिम्मेदारी है। उन्होंने छात्रों से इस अवसर का सदुपयोग कर सीखने की अपील की।
इस आयोजन में चमोली जिले के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रों ने उत्तराखंड की लोककला, संस्कृति और पारंपरिक कृषि पर अपने विचार व्यक्त किए।
प्रमुख चर्चित विषयों में ऐपन कला, रममान महोत्सव, पांडव नृत्य, जागर और लोकगाथाएं, हस्तशिल्प कला, और भोटिया जनजाति की वस्त्र कला शामिल थे। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक अनाज जैसे मंडुवा और झंगोरा के पोषण लाभ और जैविक खेती पर भी चर्चा की गई।
कुलपति एन के जोशी ने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों में नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करते हैं। छात्र संसद 2025 के विचारों का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों की जूरी समिति गठित की गई, जिसमें डॉ. डीएस पुंडीर, गिरीश डिमरी और गिरीश नौटियाल जैसे प्रमुख विशेषज्ञ शामिल थे।
Reported By: Arun Sharma