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बैकुंठ चतुर्दशी मेला: भूमि पूजन और तैयारियों का जायजा

Baikunth Chaturdashi Festival

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पौड़ी, प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज श्रीनगर के आवास विकास मैदान में बैकुंठ चतुर्दशी एवं विकास प्रदर्शनी स्थल का भूमि पूजन कर मेला की तैयारियों की विधिवत शुरुआत की। आगामी 14 नवंबर से 20 नवंबर तक आयोजित होने वाले इस सात दिवसीय मेले और विकास प्रदर्शनी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे मेले का शुभारंभ
14 नवंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मेले एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे। यह मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का माध्यम है, बल्कि इसे और अधिक भव्य और आकर्षक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

डॉ. धन सिंह रावत द्वारा निरीक्षण और दिशा निर्देश
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आयोजन को सफल बनाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मेले को इस वर्ष अधिक आकर्षक और भव्य रूप देने की पूरी कोशिश की जा रही है। इस वर्ष विशेष रूप से धारी देवी मंदिर से कमलेश्वर मंदिर तक जल कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भगवान कमलेश्वर को अलकनंदा नदी का पवित्र जल अर्पित किया जाएगा।

मेले के मुख्य आकर्षण
1. जल कलश यात्रा: धारी देवी मंदिर से कमलेश्वर मंदिर तक यात्रा।
2. हॉट एयर बैलून: इस बार हॉट एयर बैलून मेले का मुख्य आकर्षण होगा।
3. भोजन व्यवस्था: कमलेश्वर मंदिर में खड़ दिया अनुष्ठान में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोजन व्यवस्था की गई है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस भूमि पूजन और निरीक्षण के अवसर पर नगर आयुक्त एवं उप जिलाधिकारी श्रीमती नुपूर वर्मा, सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी, भाजपा जिला महामंत्री गिरीश पैन्यूली, नगर मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवाण, आचार्य भास्करानंद, दिनेश रुडोला और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

डॉ. रावत ने मेले की तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक अवसर भी प्रदान करते हैं। मेले के सफल आयोजन के लिए सभी अधिकारियों और जनता का सहयोग महत्वपूर्ण है।

इस मेले का उद्देश्य केवल धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समागम को प्रोत्साहित करना है, जो उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं को जीवित रखता है।

 

-Crime Patrol

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