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“अपना घर आश्रम” में पलने वाली 17 कन्याएँ, आज अपने जीवनसाथी के साथ जी रही सुखमय जीवन

Apna Ghar Ashram

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रमिन्द्री मंद्रवाल, उत्तराखंड सरकार की एक समर्पित अधिकारी, ने अपने कर्तव्यों से परे जाकर महिलाओं और अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए अनुकरणीय कार्य किया है। उनका जीवन मानवीय करुणा और सामाजिक उत्तरदायित्व का जीवंत प्रतीक है। देहरादून के बद्रीपुर में, 2007 से उन्होंने किराए के मकान ” अपना घर आश्रम “को आशा और ज्ञान का आलोकमय केंद्र बना दिया है, जहाँ वह उन बच्चों को शिक्षा का अमृत प्रदान करती हैं, जिन्हें संसार ने अपनों से वंचित कर दिया। यह आश्रम मात्र एक भवन नहीं, बल्कि आशा, करुणा और ममत्व का वह पवित्र स्थल बन गया, जहाँ अब तक 170 से अधिक बेसहारा बच्चों, महिलाओं और वृद्धों को न केवल आश्रय, बल्कि एक नया जीवन और सम्मानजनक भविष्य प्रदान किया गया है।

रमिंद्री जी ने स्वयं बताया कि वह अपने वेतन से प्रतिमाह बीस हजार रुपये मकान मालिक को देती हैं, ताकि यह पावन कार्य निर्बाध रूप से चल सके। उनकी संस्था, जो असहाय बच्चों के लिए एक ममत्वमयी छाँव बन चुकी है, समाज से मिलने वाली सहायता के बल पर और अधिक बच्चों तक अपनी पहुँच विस्तारित कर रही है। उनके इस निस्वार्थ प्रयास में मानवता की सच्ची सुगंध है, जो हर हृदय को प्रेरित करती है।

रमिंद्री जी की संवेदनशीलता और दृढ़संकल्प का सबसे हृदयस्पर्शी पहलू है उनके द्वारा 21 कन्याओं के विवाह का आयोजन। उन्होंने बताया कि आश्रम में पलने वाली 17 कन्याएँ, जो कभी निर्धनता और निराश्रयता की छाया में थीं, आज अपने जीवनसाथी के साथ सुखमय जीवन जी रही हैं। प्रत्येक विवाह को उन्होंने माता-पिता की तरह सावधानीपूर्वक संपन्न कराया, योग्य और जिम्मेदार वरों का चयन कर इन कन्याओं को नया परिवार और सामाजिक सम्मान दिलाया। ये कन्याएँ आज भी उनके पास “दादी के घर” लौटती हैं, जो उनके अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।

आज, जब मैंने उन्हें अपनी पुस्तक ” मध्य हिमालय उत्तराखंड की ऐतिहासिक महिलाएँ ” भेंट की, तो यह मेरे लिए एक गौरवमयी क्षण था। यह पुस्तक उन वीरांगनाओं की गाथा है, जिन्होंने उत्तराखंड की धरती पर अपने कर्मों से इतिहास रचा। रमिंद्री जी स्वयं ऐसी ही एक जीवंत कथा की रचयिता हैं, जो अपने कार्यों से न केवल वर्तमान को आलोकित कर रही हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी एक प्रेरणादायी पथ प्रशस्त कर रही हैं।

 

Reported By: Shishpal Gusain

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