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आजादी के आंदोलन में जिले के एकमात्र शहीद हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी त्रिलोक सिंह पांगती की मूर्ति का अनावरण करते हुए मंगलवार को जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आम जनता को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को अपने वैभवशाली इतिहास के बारे में जानकारी दिए जाने के लिए यह पार्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिला योजना के पर्यटन विभाग के मद से 21 लाख रुपए की लागत से इस पार्क का निर्माण ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी त्रिलोक सिंह पांगती का जन्म सीमांत के मीलम गांव में एक नवंबर 1920 को हुआ था। 1857 की क्रांति से प्रभावित होकर आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हुए 26 दिसंबर 1942 को 22 वर्ष एक माह 25 वें दिन शहीद हो गए।
8 अगस्त 1942 को अल्मोड़ा जिले के चनौदा में तिरंगा झंडे को गोरे अंग्रेजों के अपमान से बचाते हुए फिरंगियों ने इस जांबाज को लघु लुहान कर दिया था।
उसके बाद अस्पताल तथा जेल में घायल अवस्था में रहने के बाद शहीद हो गए। पिथौरागढ़ जनपद के आजादी के आंदोलन में शहीद होने वाले एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी त्रिलोक सिंह पांगती के नाम पर बने इस पार्क को आज आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इस अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा कार्यक्रम में विशेष भागीदारी की गई।
विद्यालय की छात्रा संध्या ढोक्टी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि पूर्व जिलाधिकारी रीना जोशी के सहयोग से ही इस पार्क का निर्माण हो संभव पाया। उन्होंने कहा कि इस पार्क में प्रतिवर्ष शहीद त्रिलोक सिंह की जयंती मनाई जाएगी। इस अवसर पर जोहार क्लब के पूर्व अध्यक्ष खुशाल सिंह धर्मशक्तू, लक्ष्मण सिंह पागंती, इंटर कॉलेज कॉलेज के प्रधानाचार्य हरीश नाथ, विशेष शिक्षक कमलेश यादव, ग्रामीण निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रियासत अली अंसारी, अवर अभियंता कमलेश कोहली आदि उपस्थित रहे।
Reprted by : Arun Sharma