परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज का 73वां जन्मदिवस देश-विदेश में पर्यावरणीय संकल्पों और सेवा भाव के साथ मनाया गया। अनुयायियों और श्रद्धालुओं ने डिजिटल माध्यम से शुभकामनाएं भेजीं और विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण, जल संरक्षण व प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाए।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज केवल इतना ही कहना चाहता हूँ कि हम सबको मिलकर एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा। आॅपरेशन सिंदूर पंचवटी वाटिकाएं हमारी मातृभूमि और राष्ट्रभक्ति की जीवंत स्मृति होगी।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने पूज्य स्वामी जी के जन्मदिवस को ‘पर्यावरण प्रेरणा पर्व’ के रूप में मनाने का संदेश देते हुयेे कहा, “पूज्य स्वामी जी का जीवन सेवा, समर्पण और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल है। वे मानते हैं कि जन्मदिवस केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, सेवा और समाजहित के संकल्पों का पर्व होना चाहिए। यह दिन पर्यावरण के प्रति नई चेतना जगाने का पर्व है और उनका जीवन, हर सांस व प्रत्येक क्षण हम सभी के लिये प्रेरणा है।
स्वामी जी ने इस दिन को सादगी से मनाते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी और ‘ऑपरेशन सिंदूर पंचवटी वाटिकाएं’ की घोषणा की, जो पांच प्रदेशों में पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक बनेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को आगे बढ़ाने की अपील की।
साध्वी भगवती सरस्वती ने स्वामी जी के जन्मदिवस को ‘पर्यावरण प्रेरणा पर्व’ बताते हुए उनके जीवन को सेवा और जागरूकता की मिसाल कहा। मानस कथाकार संत श्री मुरलीधर जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी एक युगद्रष्टा, पर्यावरण संत और मानवता के मार्गदर्शक हैं। स्वामी जी का जीवन एक जीवंत संदेश है कि सेवा, समर्पण और संकल्प से कैसे पृथ्वी को बचाया जा सकता है। उनका हर कार्य समाज को जोड़ने, जागरूक करने और जीवन मूल्यों को पुनस्र्थापित करने हेतु समर्पित है।
पूज्य स्वामी जी का जीवन एक यज्ञ है, संस्कारों का, सेवा का, स्वच्छता का और संकल्पों का। वे एक पर्यावरण संत हैं, युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, समाज के लिए दिशा और विश्व के लिए एक समाधान हैं।
Reported By: Arun Sharma