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एम्स ऋषिकेश की बड़ी उपलब्धि: निदेशक प्रो. मीनू सिंह को मिला दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में स्थान

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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की सूची में एम्स ऋषिकेश की प्रो. मीनू सिंह का नाम शामिल, बच्चों के श्वास रोग पर विशेष शोध के लिए मिली पहचान।

22 सितंबर 2024,

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह को भी स्थान मिला है। यह उपलब्धि बच्चों के श्वास रोग और उससे संबंधित बीमारियों के इलाज पर किए गए उनके अनुसंधान के लिए मिली है।

प्रो. मीनू सिंह ने एम्स ऋषिकेश में निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी इस सूची में दुनिया भर के लगभग 66 हजार वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है, जिनमें से 3,000 वैज्ञानिक और शोधार्थी भारत से हैं। प्रो. मीनू सिंह का चयन उनके द्वारा किए गए शोध और चिकित्सा अनुसंधान में उनके अहम योगदान के आधार पर हुआ है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के सर्वे के अनुसार, यह सूची उन वैज्ञानिकों पर आधारित है जिनके शोध कार्यों को वैश्विक स्तर पर अत्यधिक उल्लेखनीय माना गया है। इसमें यह देखा गया कि उनके शोध कितने व्यापक रूप से उद्धृत किए गए, उनके अनुसंधान कार्य से कितने नए शोधपत्र या पेटेंट प्राप्त हुए हैं, और उनके काम का भविष्य में विज्ञान जगत पर कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी और संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अवसर पर प्रो. मीनू सिंह को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रो. मीनू सिंह का नाम इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होना न केवल उनके लिए बल्कि पूरे एम्स ऋषिकेश और चिकित्सा जगत के लिए गर्व की बात है।

एम्स के जन सम्पर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची एक प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग है, जो अपने क्षेत्रों में सबसे अधिक उत्कृष्ट विद्वानों की पहचान करती है। यह रैंकिंग स्कोपस डेटाबेस के आधार पर तैयार की जाती है, जो उन शोधकर्ताओं को उजागर करती है जिनके कार्यों का विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

प्रो. मीनू सिंह की इस उपलब्धि ने एम्स ऋषिकेश को एक नई पहचान दी है, जिससे न केवल संस्थान बल्कि उत्तराखंड राज्य का भी मान बढ़ा है।

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