श्री हेमकुंट साहिब की अलौकिक प्राकृतिक सुंदरता और दिनभर की खिली धूप ने इस पवित्र स्थल की आत्मा को जाग्रत कर दिया है। विश्वभर के मीडिया चैनलों ने इस अद्भुत दृश्य को प्रसारित किया, जिससे श्रद्धालुओं के उत्साह में और इज़ाफा हुआ है। लोग बड़ी संख्या में अपने पूज्य गुरु को नमन करने के लिए इस पावन स्थल पर उमड़ रहे हैं।
श्री हेमकुंट साहिब तक पहुँचने का मार्ग पूरी तरह से खुला हुआ है और ट्रेक मार्ग को बेहतर तरीके से निर्मित किया गया है। सार्वजनिक सुविधाओं की मौजूदगी ने यात्रियों के अनुभव को और भी सुगम बना दिया है। गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब प्रबंधन ट्रस्ट राज्य और जिला प्रशासन के सहयोग से इस यात्रा का प्रबंधन करता है, जिसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, जोशीमठ, गोविंदघाट और घाघरिया में धर्मशालाओं की व्यवस्था भी शामिल है।
इन धर्मशालाओं में 24/7 निशुल्क लंगर (भोजन) की सुविधा दी जाती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिंद्रा के अनुसार, “हम गर्व से कहते हैं कि यह शायद एकमात्र संगठन है जो दर्शनार्थियों को सम्पूर्ण यात्रा मार्ग पर निशुल्क ठहरने और भोजन की सुविधा प्रदान करता है।” यह सुविधाएँ न केवल श्री हेमकुंट साहिब के यात्रियों के लिए बल्कि अन्य धामों और प्रसिद्ध फूलों की घाटी के यात्रियों के लिए भी उपलब्ध हैं।
श्री हेमकुंट साहिब और चारधाम के यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, रुद्रप्रयाग के रतुरा में एक नई धर्मशाला का निर्माण किया जा रहा है। यह धर्मशाला तीर्थयात्रियों के लिए विशेष रूप से एक वरदान साबित होगी।
इस वर्ष लगभग दो लाख श्रद्धालु श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा कर चुके हैं, और जिन भी श्रद्धालुओं की यात्रा का सपना अभी पूरा नहीं हुआ है, उनके लिए यात्रा 10 अक्टूबर तक खुली रहेगी। ऐसे में जो भी यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें जल्द ही तैयारी कर लेनी चाहिए।