ऋषिकेश, 27 नवंबर 2024: एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने एक विकृत शरीर वाले 9 महीने के बच्चे की सर्जरी करके उसे नया जीवन दिया है। इस बच्चे का जन्म यूपी के मुजफ्फरनगर में हुआ था, और जन्म के समय उसके शरीर में चार पैर थे, जिसमें से दो पैर सामान्य थे जबकि दो अन्य असामान्य स्थिति में थे। इसके अलावा उसकी रीढ़ की हड्डी के ऊपरी पृष्ठ में भी एक बड़ी सूजन थी, जो बच्चे को शारीरिक कष्ट दे रही थी।
जब बच्चे के माता-पिता 6 मार्च 2024 को बच्चे को लेकर एम्स ऋषिकेश पहुंचे, तो वहां की पीडियाट्रिक सर्जरी टीम को बच्चे की असामान्य स्थिति देख काफी आश्चर्य हुआ। सर्जरी विभाग की हेड और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने बताया कि बच्चे के शरीर की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए विभाग ने गहन विचार-विमर्श किया और अन्य विभागों के विशेषज्ञों से भी सलाह ली।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की सर्जन डॉ. इनोनो योशू ने बताया कि यह कार्य किसी चुनौती से कम नहीं था। बच्चे की शारीरिक और आंतरिक जांचों के बाद, आठ घंटे लंबी सर्जरी की योजना बनाई गई। इस दौरान चिकित्सकों को बच्चे की एक किडनी और अन्य शारीरिक विकृतियों को ध्यान में रखते हुए सर्जरी करनी पड़ी। सर्जरी के बाद बच्चे को तीन सप्ताह तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया, और अब उसकी स्थिति सामान्य हो चुकी है।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने सर्जरी करने वाली टीम की सराहना की और कहा कि यह चिकित्सकों की एक बड़ी उपलब्धि है।
सर्जरी टीम में शामिल विशेषज्ञ विभाग:
- पीडियाट्रिक सर्जरी
- पीडियाट्रिक विभाग
- ऑर्थोपेडिक
- प्लास्टिक सर्जरी
- न्यूरो सर्जरी
- इन्टरवेशन रेडियोलॉजी
- एनेस्थेसिया
अविकसित भ्रूण का प्रभाव
चिकित्सकों का कहना है कि इस बच्चे को जुड़वां होना था, लेकिन मां के गर्भ में एक भ्रूण अविकसित रह गया और उसका शरीर पहले भ्रूण से जुड़ गया, जिससे बच्चे का विकृत रूप उत्पन्न हुआ।
यह सर्जरी न केवल एक मेडिकल चमत्कार साबित हुई, बल्कि बच्चे को अब सामान्य जीवन जीने का मौका मिला है।
Reported by : Arun Sharma