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राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने फ्री सिलाई मशीन वितरण योजना में सुधार का मुद्दा उठाया है। जिसका लाभ ग्रामीण महिलाओं को आसानी से मिले, उसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से अलग प्रावधान करने का अनुरोध किया है।
सत्र के दौरान प्रश्नकाल में बोलते हुए उन्होंने महिलाओं विशेषकर ग्रामीण महिलाओं की इस समस्या की तरफ सदन का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने मुद्दे को उठाते हुए कहा, केंद्र सरकार को फ्री सिलाई मशीन वितरण योजना में महिलाओं को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बहिनों को अपने पैरों पर खड़ा होने तथा श्रमिकों के परिवारों में खुशहाली रखने के लिए चलाई जा रही भारत सरकार की फ्री सिलाई मशीन वितरण योजना बहुत प्रभावी है। जिसके तहत हर राज्य में 50000 से अधिक जरूरतमंद महिलाओं जिनकी आयु 20 वर्ष से 40 वर्ष है उन्हें इसका लाभ दिया जाना है।
उन्होंने इस दौरान उत्तराखंड समेत अनेकों राज्यों की परिस्थितियों का जिक्र किया, जहां महिलाओं को श्रमिक रूप में काम करने के लिए घरों से बाहर जाना संभव नहीं होता है तथा महिलाएं रोजगार के लिए काम करने की इच्छुक भी होती हैं। जैसे कि योजना का उद्देश्य स्पष्ट है, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना। इसमें शहरी क्षेत्रों में श्रम एवं कामगार बोर्ड में रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इसमें काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। चूंकि योजना का पंजीकरण भले ही ऑनलाइन आवेदन से कर दिया गया है। परन्तु अब भी श्रम विभाग के भवन एवं श्रनिमाण कर्मकार बोर्ड में पंजीकरण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, संबंधित अधिकारियों द्वारा आवेदन पत्रों की जांच में काफी समय लगाया जाता है तथा इस प्रक्रिया में भट्टाचार की स्थिति बनी रहतीं हैं।
उन्होंने आग्रह किया कि योजना का लाभ अधिक संख्या और आसानी से ग्रामीण महिलाओं को मिल सके और मनरेगा योजना के श्रमिक भी इसके दायरे में आएं, इसके अलग से प्रावधान करने की अवश्यकता है। ताकि ग्रामीण महिलाओं को कर्मकार बोर्ड के दफ्तरों में चक्कर न लगाने पड़े तथा इस योजना को व्यापक भट्टाचार से भी बचाया जा सके
Reported By: Arun Sharma