मौसम का बदलता मिजाज न केवल इंसान की दिनचर्या को प्रभावित करता है, बल्कि वन्यजीवों के व्यवहार में भी बदलाव लाता है। जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन आता है, वन्यजीवों का भी स्वभाव और गतिविधियाँ बदलने लगती हैं।
इस कड़ाके की ठंड में मानव जीवन हो या वन्य जीव हर कोई बेहाल है लेकिन कुछ वन्य जीव ऐसे भी है जो इस मौसम में बहुत घातक हो जाते है क्योंकि बाघ या गुलदार जैसे जानवरो का इस समय मीटिंग टाइम होता है जिस कारण इस मौसम में बाघ और गुलदार जैसे जानवर ज्यादा घातक हो जाते हैं, सर्दी में जब तापमान गिरता है और खाद्य की कमी होती है, तो जानवरों को अपनी हड्डियों में जमा शारीरिक वसा को जलाने के लिए और शिकार की खोज में अधिक संघर्ष करना पड़ता है। इसके अलावा, सर्दियों में शिकारियों से बचने के लिए जानवर अपनी जगह और क्षेत्र की रक्षा में अधिक आक्रामक हो जाते हैं।
जसपुर विधानसभा क्षेत्र के तराई पश्चिम वन प्रभाग के फांटो और पतरामपुर रेंज में इन दिनों गुलदार और बाघ जैसे जानवरो की आवाजाही बढ़ गई है वंही इस समय वन विभाग द्वारा इन वन्यजीवों पर विशेष ध्यान रखा जाता है वन क्षेत्राधिकारी पतरामपुर धर्मानंद सुनाल ने बताया कि जगह जगह देखने को मिल रहा है दो तीन महीने का जो टाइम पीरियड होता है इस समय टाइगर प्रेगनेंट रहती है तो क्षेत्र में कंही टाइगर होता है तो विशेष निगरानी रखनी पड़ती है और उस जगह पर कैमरा ट्रेप लगाकर या सघन गस्त कर ध्यान रखा जाता है और आस पास रह रहे लोगो को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा जाता है
धर्मानंद सुनाल, वनक्षेत्राधिकारी पतरामपुर
Reported by: Arun Sharma