देहरादून, 30 सितंबर: विश्व के सबसे ऊंचाई पर स्थित तृतीय केदार के नाम से प्रसिद्ध पौराणिक शिव मंदिर, श्री तुंगनाथ के जीर्णोद्वार, सौंदर्यीकरण और सुरक्षात्मक कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। इस निर्णय के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।
अजेंद्र अजय ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) से तकनीकी परामर्श के लिए आग्रह किया था। विशेषज्ञों की टीम ने तुंगनाथ मंदिर का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट बीकेटीसी को सौंपी, जिसके आधार पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की से भी इस संबंध में परामर्श मांगा गया। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों द्वारा मंदिर का भ्रमण किया गया है और जल्द ही उनकी रिपोर्ट भी प्राप्त हो जाएगी।
बीकेटीसी के अध्यक्ष ने शासन से इन रिपोर्ट्स के आधार पर मंदिर के संरक्षण कार्यों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति का अनुरोध किया। इसके बाद सचिव धर्मस्व और संस्कृति, हरिचन्द्र सेमवाल ने बीकेटीसी को पत्र के माध्यम से इस कार्य की अनुमति दी। निर्देशानुसार, तुंगनाथ मंदिर के सभी संरक्षण कार्य एएसआई, जीएसआई और सीबीआरआई के विशेषज्ञों के सहयोग से किए जाएंगे।
इस निर्णय से तुंगनाथ मंदिर की पौराणिकता और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके।