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टीएचडीसीआईएल ने श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के स्थिरीकरण के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता यात्रा मार्ग पर ढलान स्थितिकरण, भू-तकनीकी और भूगर्भीय अन्वेषण के लिए किया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
शैलेन्द्र सिंह, टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) इस अवसर पर वार्ता करते हुए इस बात पर जोर दिया कि टीएचडीसीआईएल जून 2011 से श्राइन बोर्ड के लिए तकनीकी सलाहकार के रूप में काम कर रही है, जो संगठन की क्षमताओं में विश्वास का प्रमाण है।
इस नए समझौते के तहत, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरे तीर्थयात्रा मार्ग पर भूवैज्ञानिक अन्वेषण करेगा, जबकि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड भू-तकनीकी और भूभौतिकीय आकलन के साथ-साथ ढलान स्थिरीकरण उपायों के परिकल्प एवं अभियांत्रिकी पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह सहयोग तीर्थयात्रा ट्रैक की विश्वसनीयता, सुरक्षा और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष आर. के. विश्नोई ने बताया कि यह समझौता संगठन की विशेषज्ञता और समाज के हित में योगदान को दिखाता है। टीएचडीसीआईएल के विशेषज्ञता क्षेत्र में भूस्खलन शमन, ढलान स्थिरीकरण और जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं, और इस समझौते से यात्रा मार्ग की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।
इस समझौते में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण मार्ग के भूवैज्ञानिक अन्वेषण करेगा, जबकि टीएचडीसीआईएल ढलान स्थिरीकरण और भू-तकनीकी परामर्श सेवाएं प्रदान करेगा। यह सहयोग यात्रा मार्ग की सुरक्षा और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
Reported By: Arun Sharma