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ब्यूरो: देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन द्वारा दून लाइब्रेरी में “उत्तराखंड का भविष्य: सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय बदलाव और उसका प्रभाव” विषय पर एक राउंड टेबल डायलॉग आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता जताई।
वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने समाज में व्याप्त “भयावह चुप्पी” और सत्तालोलुपता की आलोचना की। जयसिंह रावत ने भू-कानून आंदोलन को जनभावनाओं को भड़काने का माध्यम बताया और “बाहरी” शब्द को असंवैधानिक बताया। पूर्व वन प्रमुख जयराज ने सरकारी भ्रष्टाचार और सिविल सोसायटी की उपेक्षा की बात कही।
सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन मेहंदीरत्ता और रणवीर चौधरी ने क्षेत्रवाद, ज़मीन की खरीद-फरोख्त और पारदर्शिता की कमी पर चिंता जताई। वहीं, रतन असवाल ने रोजगार के लिए टूरिज्म और हॉर्टिकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।
अनूप नौटियाल ने चर्चा का सार प्रस्तुत करते हुए पर्यावरणीय क्षति, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और राजनीतिक शून्यता को गंभीर मुद्दे बताया और युवाओं, महिलाओं व बुद्धिजीवियों से आगे आने का आह्वान किया।