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उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक का विमोचन: भारतीय ज्ञान परंपरा को नई दृष्टि

Upanishadya Darshan Bodh

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देहरादून,

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में श्री प्रकाश सुमन ध्यानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ का विमोचन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूरी भूषण, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने लेखक को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पुस्तक भारतीय वैदिक दर्शन और सनातन संस्कृति के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि उपनिषद भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं, जो आत्मा, ब्रह्म और मानवता के व्यावहारिक दृष्टिकोण को समझने में सहायक हैं। यह पुस्तक आत्मविकास और आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करेगी।

प्राचीन ज्ञान की प्रासंगिकता पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और भौतिकवाद के बीच उपनिषदों और वेदों का ज्ञान अधिक प्रासंगिक हो गया है। उत्तराखंड, जो देवभूमि और आध्यात्मिक चिंतन का केंद्र है, इस पुस्तक के माध्यम से अपनी गौरवशाली परंपरा को और मजबूती से आगे बढ़ाएगा।

गणमान्य व्यक्तियों के विचार

  • श्री भगत सिंह कोश्यारी ने लेखक की सराहना करते हुए कहा कि भारत की आध्यात्मिक विरासत आज पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है। उन्होंने इसे भारत की “आध्यात्मिक इंटेलीजेंस” करार दिया।
  • श्रीमती ऋतु खण्डूरी भूषण ने कहा कि यह पुस्तक सरल भाषा में उपनिषदों और वेदों को आम जनमानस और नई पीढ़ी से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने नैतिक मूल्यों को सहेजने और उन्हें अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में विधायक श्रीमती सविता कपूर, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, लेखक श्री प्रकाश सुमन ध्यानी और अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ भारतीय ज्ञान परंपरा को एक नई पहचान देने का प्रयास है, जो आत्मचिंतन और जीवन के गूढ़ सत्य को समझने में सहायक होगी।

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-Crime Patrol

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