Home » हरिद्वार में गंगा की दुर्दशा: नमामि गंगे के कागजी योजनाओं और भ्रष्टाचार की पोल खोलती सच्चाई

हरिद्वार में गंगा की दुर्दशा: नमामि गंगे के कागजी योजनाओं और भ्रष्टाचार की पोल खोलती सच्चाई

The plight of Ganga in Haridwar

Loading

हरिद्वार, में गँगा जी को गंदगी और प्रदूषण के नाम पर “नमामि गँगा” द्वारा वर्षों से कई योजनाएं मात्र कागजों पर चलाकर करोड़ो के बजट ठिकाने लगाए जा रहे हैं, परन्तु अफसोस गँगा माँ का आँचल दिन प्रतिदिन मैला होता जा रहा हैं। तमाम सरकारी प्रयासों तथा गँगा की स्वच्छता व् अविरलता के नाम पर बनी स्वयंसेवी संस्थाएं भी अखबारी बयानबाजी तक सीमट कर रह गई है। गँगा बंदी के दौरान गँगा जी के हृदय पर जो जख्म है वह साफ नजर आ रहे हैं। गँगा किनारे पूरे शहर की गन्दगी के अम्बार और सुखी गँगा जी में हजारों खण्डित देवी देवताओं की प्रतिमाएं पड़ी हैं ।

गँगा के लिए नमामि गँगे योजना के तहत बड़ा मोटा बजट स्वजल परियोजना के अधिकारियों द्वारा ठिकाने लगाया गया हैं, विवेकहीनता और अदूरदर्शिता के चलते स्वजल योजना के तहत गँगा किनारे क्षेत्र में जो शौचालय बनाए गए, खराब गुणवत्ता के कारण इनमें से लगभग 80% शौचालयों का इस्तेमाल ही नहीं हुआ हैं। “नमामि गँगा” योजना की एक बड़ी मोटी धनराशि की खुलकर बंदर बांट हुई है। इस पर एक उच्च स्तरीय बड़ी जाँच की माँग चहुँतरफ से उठ रही हैं।

तीन दिन बाद गँगा जी में पड़ी विशाल गंदगी और कूड़े को पतित पावनी माँ गँगा अपने आँचल में ढक लेगी। गँगा बंदी की रस्म भी पूरी हो जाएगी और कई करोड़ का बजट भी ठिकाने लग जाएगा।

ताज्जुब की बात जो धर्मनगरी के प्रत्येक व्यक्ति की जुबान पर है कि आखिर श्री गँगासभा, पुरोहित समाज, पण्डा लोग, धर्माचार्य, राजनैतिक दल व् हरिद्वार के जनप्रतिनिधि और व्यापारी बन्धु क्यों चुप्पी धारण किए हुए है, यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। इसकी ट्रिपल इंजन की सरकार को उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच करवाकर दोषियों को कठोर दण्ड देना चाहिए। वरना वही बात होगी कि “सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली!”

देखे वीडियो-

 

 

Reported by- Dr. Ramesh Khanna, Senior Journalist, Haridwar, Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *