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उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड, पशुपालन विभाग द्वारा भेड़-बकरी पालन में उद्यमिता विकास पर 06 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद, सहस्त्रधारा के प्रशिक्षण केन्द्र में समापन किया गया। प्रशिक्षण में सिक्किम से आए 18 प्रतिभागियों द्वारा वैज्ञानिक पद्वति से भेड़ बकरी पालन, आधुनिक तकनीकों, उत्पाद प्रसंस्करण, मूल्य संर्वधन श्रंखला के साथ-साथ भेड़ बकरी की व्यवसायिक संभावनाओं की जानकारी प्राप्त की गयी।
प्रतिभागियों ने पशुलोक ऋषिकेश में पशुपालन विभाग द्वारा स्थापित ACBF गोट फार्म, राज्य भेड़ बकरी अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन तथा कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र और ऊन श्रेणीकरण एवं क्रय-विक्रय केन्द्र, मुनीकीरेती में भ्रमण कर आधुनिक भेड़ बकरी पालन में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। साथ ही जामती एस.आर.सी. द्वारा सामूहिक बकरी पालन से विकसित व्यवसाय एवं खादी ग्रामोद्योग के प्रशिक्षण एवं उत्पादन केन्द्र में ऊन उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन (वैल्यू एडिशन) की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के कोर्स कॉडिनेटर डा0 अमित अरोड़ा, वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी तथा डा0 शिखाकृति नेगी, पशुचिकित्सा अधिकारी रहे। विषय विशेषज्ञ डा0 दीक्षा रावत व डा0 नितिश बिष्ट पशुचिकित्सा अधिकारी द्वारा विभिन्न तकनीकी विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। डा0 प्रलयंकर नाथ, मुख्य अधिशासी अधिकारी, उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड द्वारा राज्य में संचालित भेड़ बकरी पालन से सम्बन्धित योजनाओं एवं कार्यकलापों से प्रतिभागियों को अवगत कराया गया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. नीरज सिंघल, निदेशक, पशुपालन विभाग द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित कर किया गया। इस अवसर पर डा0 कैलाश उनियाल, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद् द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता को भविष्य में और बेहतर करने हेतु प्रयासरत रहने का आश्वासन दिया गया।
कार्यक्रम में डा0 उदयशंकर गुप्ता, उप-रजिस्ट्रार, अनिल चौहान, उपमहाप्रबन्धक, यू0एस0जी0सी0एफ0 तथा बोर्ड तथा फेडरेशन के कार्मिक उपस्थित रहे।
प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि वे यहां सीखी गई तकनीकों को सिक्किम में अपने व्यवसायिक प्रयासों में लागू करेंगे।
Reporting By: Alok Ghildiyal