उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (U-SAC) द्वारा केंद्र के सभागार मे राजा जी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों एवं फॉरेस्ट गार्ड हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है l इस कार्यशाला का उद्देश्य फारेस्ट कर्मचारियों को जी0आई0एस0 एवं रिमोट सेंसिंग तकनीकी की बुनियादी और उन्नत जानकारी प्रदान करना हैl वन कर्मियों को अंतरिक्ष प्रौधोगिकी तकनीकों में प्रशिक्षित करके इनके प्रभावी उपयोग से जंगलों के संरक्षण और निगरानी, वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की संख्या और वितरण एवं उनकी स्थिति का मूल्यांकन कर सकेंगे l इन तकनीकों का उपयोग करके, फारेस्ट कर्मचारी वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की निगरानी कर सकते हैं, वन अग्निकांड की रोकथाम व वन अग्निकांड की संभावना का मूल्यांकन करने मे भी सहायक सिद्ध होगी ,जिससे वन प्रबंधन के लिए सुदृढ़ एवं सुनियोजित योजना बनाई जा सके….
कार्यशाला की विशेषताएं:- जी0आई0एस0 एवं रिमोट सेंसिंग के मूल सिद्धांतों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रदान करना l फारेस्ट प्रबंधन में जी0आई0एस0 एवं रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोगों पर अध्ययन और हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रदान करना है l
तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रशिक्षण कार्यशाला मे प्रमुख सत्रों मे –जी0आई0एस0 एवं रिमोट सेंसिंग के मूल सिद्धांत,फॉरेस्ट प्रबंधन में जी0आई0एस0 एवं रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग, सैटेलाइट डेटा प्रोसेसिंग, मैपिंग एवं फील्ड डेटा संग्रहण और विश्लेषण पर व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा QGIS सॉफ्टवेयर के उपयोग से भू- स्थानिक डेटा का प्रबंधन और विश्लेषण का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा l
कार्यशाला के प्रथम दिवस मे कार्यशाला कि संयोजक एवं केंद्र कि वैज्ञानिक -डॉ नीलम रावत द्वारा प्रतिभागियों को तीन दिवसीय कार्यशाला की कार्ययोजना का विवरण देते हुए रीमोट सेन्सिंग के अनुप्रयोगों पर व्याख्यान प्रदान किया गया l
केंद्र कि वैज्ञानिक डॉ आशा थपलियाल, एवं डॉ दिव्य उनियाल द्वारा डेटा प्रोसेसिंग , GPS एवं QGIS पर व्याख्यान दिया एवं प्रारम्भिक प्रशिक्षण प्रदान किया गयाl
कार्यशाला मे फील्ड ऑफिसर एवं फॉरेस्ट गार्ड सहित कुल 27 प्रतिभागी प्रतिभाग कर रहे हैंl
Reported By: Arun Sharma