क्राइम पेट्रोल: नीति आयोग, भारत सरकार ने जी.बी. पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान और अन्तरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केन्द्र के साथ मिलकर राजपुर रोड स्थित एक होटल में ‘स्प्रिंगशेड प्रबंधन एवं जलवायु अनुकूलन: भारतीय हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास के लिए रणनीतियां’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान हे.न. बहुगुणा विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारतीय हिमालय क्षेत्र एक सतत भविष्य की ओर’ का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा स्प्रिंगशेड मैनेजमेंट और जलवायु संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। इसके अलावा, ‘स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी’ का गठन किया गया है, जिसके तहत 5500 जमीनी जल स्रोतों और 292 सहायक नदियों का चिन्हीकरण कर उपचार किया जा रहा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन के. बेरी ने हिमालयी क्षेत्रों के खाली गांवों को पुनर्जीवित करने के लिए जागरूकता फैलाने पर जोर दिया और इसके लिए वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत रोजगार और सुविधाओं की उपलब्धता पर बल दिया।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से जल स्रोतों पर पड़ रहे नकारात्मक असर को रेखांकित किया और जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।