एम्स ऋषिकेश में ब्रेस्ट कैंसर के निदान और उपचार से जुड़ी नई तकनीकों पर केंद्रित एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ब्रेस्ट कैंसर की जांच में सटीकता लाने वाली सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी (SLNB) तकनीक को चिकित्सकों के बीच लोकप्रिय बनाना और उनके कौशल को उन्नत करना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला सर्जन चिकित्सकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी और कैंसर के इलाज में शिक्षा व तकनीक का बड़ा योगदान है। कार्यशाला में देशभर के चिकित्सा संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
सर्जरी विभाग और एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन्स ऑफ इंडिया (ABSI) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस CME में SLNB तकनीक का लाइव प्रदर्शन, केस-आधारित चर्चाएं, विशेषज्ञों के व्याख्यान और नवीनतम दिशा-निर्देशों पर विचार साझा किए गए।
सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. सोमप्रकाश बासु ने बताया कि एम्स ऋषिकेश को इस तकनीक के प्रशिक्षण के लिए नोडल केंद्र बनाया जा सकता है। कार्यशाला के दौरान बताया गया कि SLNB तकनीक, पारंपरिक तरीकों की तुलना में कम जटिलताओं के साथ अधिक सटीक परिणाम देती है।
डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री बलिजा ने भी कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और प्रारंभिक चरण में ब्रेस्ट कैंसर की पहचान की आवश्यकता पर बल दिया।
यह कार्यशाला न केवल ब्रेस्ट कैंसर की आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने का माध्यम बनी, बल्कि रोगी-केंद्रित उपचार प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में भी एक अहम कदम रही।
Reported By: Arun Sharma