ब्यूरो : भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष व सासंद राज्यसभा डा. नरेश बंसल सुबह 11 बजे महाकुंभ मेले में प्रयागराज पहुंचे।उन्होंने संगम में डुबकी लगाई। मां गंगा की पूजा-अर्चना की और फिर लौट गए। 13 जनवरी को महाकुंभ 2025 का आगाज हुआ था और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के साथ 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलने वाला है। कुंभ मेले में दुनियाभर से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। संगम में अब तक 60 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
डा. नरेश बंसल ने महाकुंभ में संगम तट पर पत्नि समेत संगम मे आस्था की डुबकी लगाई साथ ही देशवासियों के कल्याण की कामना की।डा. नरेश बंसल ने विश्व कल्याण और सनातन संस्कृति की समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि तीर्थराज प्रयाग सभी के मनोरथ पूर्ण करें, हमारे चिंतन और चेतना को सशक्त करें, विश्व का कल्याण करें, यही कामना है।
संगम स्नान के बाद डा. नरेश बंसल ने कहा कि 144 साल मे आने वाला यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की महिमा और सनातन परंपरा की अखंडता का जीवंत प्रमाण है।इस महापर्व में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने आते हैं, जिससे इसकी वैश्विक प्रतिष्ठा सिद्ध होती है।उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक महोत्सव नहीं है बल्कि सनातन संस्कृति की दिव्य धारा है, जहां आस्था, श्रद्धा और अध्यात्म का पवित्र संगम होता है और इसके माध्यम से पूरी दुनिया में भारत की आध्यात्मिक शक्ति का संदेश जाता है।
डा. नरेश बंसल ने रविवार को संगम क्षेत्र स्थित लेटे हनुमान जी,अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन-पूजन कर देशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की। डा. नरेश बंसल ने कहा कि यह पवित्र स्थल (लेटे हनुमान जी) अनंतकाल से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है।अक्षयवट, जो अविनाशी और अखंड सनातन चेतना का प्रतीक माना जाता है, अध्यात्मिक ऊर्जा का वो स्रोत है, जहां हर युग में भक्तों ने आत्मिक शांति प्राप्त की है।
सरस्वती कूप के दर्शन के दौरान उन्होंने विद्या और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का स्मरण कर राष्ट्र की बौद्धिक उन्नति की कामना की।
डा.नरेश बंसल ने कहा कि आज मैं सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।डा. नरेश बंसल ने अपने महाकुंभ दौरे पर कहा, “अद्भुत, आलौकिक, शब्दों से परे अनुभव। लगभग 144 वर्षों बाद महाकुंभ प्रयागराज में हो रहा है। आज सुबह हम यहां आए और यह हमारे लिए आंतरिक रूप से समृद्ध करने वाला अनुभव रहा। भारत की पुरानी परंपरा और संस्कृति क्या रही है उसका साक्ष्य पाना हो तो ये महाकुंभ उसका जीवंत प्रमाण है। आज पूर्व की संस्कृति को पश्चिम के लोग समझने, अपनाने और मानने के लिए तैयार है।इसकी व्यवस्था जहां 55 करोड़ लोग स्नान के लिए आए वो बेहतर और सुंदर है। सीएम योगी से लेकर यहां प्रशासन के मौजूद सभी लोग जो छोटी-छोटी चीजों के प्रबंधन में लगे हुए हैं, उन सबके प्रति कृतज्ञता और आभार।डा. नरेश बंसल ने कहा कि बहुत भीड़ है। इसे सफल सुचारू रूप से चलाया जा रहा है इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र है। यह अद्भुत है और हम यहां जो महसूस कर रहे हैं उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”