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चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में नियंत्रण न रखना खतरनाक

Anup Nautiyal

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ब्यूरो : एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा 2025 को लेकर तीर्थस्थलों की कैरिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए हर दिन यात्रियों की संख्या सीमित करने की मांग की है। संस्था के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि चारधामों में असीमित संख्या में तीर्थयात्रियों को अनुमति देना पर्यावरण, सुरक्षा और प्रबंधन की दृष्टि से खतरनाक हो सकता है।

अनूप नौटियाल ने बताया कि सरकार ने चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण न रखने का फैसला किया है, जबकि पिछले वर्षों में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।

 

चार धाम यात्रा 2024 पर जारी की थी विस्तृत रिपोर्ट

अनूप नौटियाल के अनुसार एसडीसी फाउंडेशन लगातार धामों की कैरिंग कैपेसिटी को लेकर सरकार को आगाह करता रहा है। 2024 की 192 दिन की चार धाम यात्रा को लेकर भी फाउंडेशन ने एक विस्तृत रिपोर्ट पाथवेज टू पिलग्रिमेज: डेटा इनसाइट्स, चैलेंजेस एंड अपॉर्चुनिटी जारी की थी।

असमंजस की स्थिति

अनूप नौटियाल के अनुसार चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले जिस तरह की अनियमितताएं बरती जा रही हैं, उससे तीर्थयात्रियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है। सरकार ने ऐलान किया है कि सभी को धामों में जाने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन, जब लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का प्रयास कर रहे हैं तो पता चल रहा है कि धामों में अलग-अलग दिनों में स्लॉट बुक हो चुके हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा सभी को यात्रा की अनुमति देने के बावजूद ऑनलाइन स्लॉट्स पहले से फुल हैं, जिससे तीर्थयात्रियों में भ्रम और असमंजस की स्थिति बन रही है। यदि स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए तो इससे प्रशासनिक अव्यवस्था और उत्तराखंड की छवि को नुकसान हो सकता है।

एसडीसी फाउंडेशन का राज्य सरकार से आग्रह

एसडीसी फाउंडेशन ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि सभी संबंधित विभागों में बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए यात्रियों की संख्या, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और यात्रा प्रबंधन को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले 60 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफ लाइन करने की बात कही है। सभी यात्रियों को धामों में जाने की अनुमति दिये जाने के सरकारी आदेश के बाद यदि लोग उत्तराखंड आते हैं और उन्हें सभी स्लॉट बुक हो जाने की बात कह कर रजिस्ट्रेशन करने से मना कर दिया जाता है तो न सिर्फ तीर्थयात्रियों बल्कि सरकारी सिस्टम से जुड़े अधिकारीयों और कर्मचारियों को भी परेशानी होगी।

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