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पुलिस समीक्षा गोष्ठी में कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर फोकस

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पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में देहरादून स्थित सरदार पटेल भवन में राज्य स्तरीय पुलिस समीक्षा गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें प्रदेशभर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, रेंज प्रभारियों, पुलिस प्रमुखों और विशेष इकाइयों ने भाग लिया।

गोष्ठी का उद्देश्य कानून व्यवस्था की समीक्षा, अपराध नियंत्रण रणनीतियों का मूल्यांकन, पुलिस बल के कल्याण और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना रहा। डीजीपी ने वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, लंबित मामलों के निस्तारण, नशा विरोधी अभियान, साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा और डायल 112 की दक्षता जैसे मुद्दों पर दिशा-निर्देश दिए।

नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन की समीक्षा व निर्देश-
• नए आपराधिक कानूनों के मुख्य प्रावधानों- Zero FIR, e-FIR, और गंभीर अपराधों में फॉरेंसिक टीम की अनिवार्य उपस्थिति का अनुपालन सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई। साथ ही, साक्ष्यों को डिजिटल माध्यम से अपलोड करने और समयसीमा में कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए गए।
• अपराधिक मामलों में तकनीकी उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) में डेटा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया गया।

 

चारधाम यात्रा 2025 की तैयारी:

• गढ़वाल रेंज कार्यालय में स्थापित “चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम” को शीघ्र क्रियाशील बनाने के निर्देश दिए गए।
• यात्रा मार्गों की ट्रैफिक योजना, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाए।
• उत्तराखण्ड पुलिस मोबाइल ऐप में रियल-टाइम अपडेट, इमरजेंसी हेल्पलाइन, और रूट अपडेट जैसी सेवाएं सक्रिय की जाएं।

डीजीपी ने कहा, “चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, राज्य की प्रतिष्ठा से जुड़ा व्यापक आयोजन है, इसलिए पुलिस की जिम्मेदारी यहां सबसे अहम है।”

चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों, नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन, और विभिन्न पोर्टलों की प्रगति की समीक्षा की गई। ‘फिट उत्तराखंड’ अभियान के तहत पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य और मानसिक सुदृढ़ता को प्राथमिकता दी गई।

जनपदों/वाहिनियों/इकाइयों द्वारा प्रस्तुतियाँ:
• दोनों परिक्षेत्र/सभी जनपद/एसटीएफ/रेलवे इकाइयों ने कानून व्यवस्था, आपराधिक घटनाओं पर प्रतिक्रिया, विशेष अभियानों और प्रशासनिक आवश्यकताओं पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं।
• PAC की 31वीं, 46वीं एवं 40वीं वाहिनियों, SDRF, IRB, इकाइयों में राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गयी डिटैचमेंट चैकिंग, विशेष तैनातियाँ, व आपदा प्रबंधन की तैयारी से संबंधित बिंदुओं पर सशक्त प्रस्तुतिकरण दिया गया।

महिला पुलिस बल के प्रशिक्षण, पदोन्नति और कल्याण पर भी जोर दिया गया। सीमावर्ती क्षेत्रों और सेवानिवृत्त कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी विशेष योजना बनाई गई।

डीजीपी सेठ ने कहा कि पुलिस को तकनीकी, संवेदनशील और प्रोफेशनल बनाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

Reported By: Arun Sharma

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