उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ, राजेंद्र सिंह बिष्ट ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी को ज्ञापन सौंपते हुए विधानसभा में नियुक्त प्रोटोकॉल अधिकारी मयंक सिंघल को फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति और पदोन्नति का दोषी ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मयंक सिंघल ने गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन, मथुरा से प्राप्त अमान्य प्रमाणपत्रों के आधार पर विधानसभा में नियुक्ति पाई और अब प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों और SIT जांच रिपोर्टों का हवाला देते हुए बिष्ट ने कहा कि सिंघल की 10वीं और 12वीं की डिग्रियाँ न केवल अमान्य हैं, बल्कि उनके जारी होने की तिथि भी संदिग्ध है। उन्होंने मांग की कि मयंक सिंघल के खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी के तहत मुकदमा दर्ज हो और अब तक मिली सभी सुविधाएं व वेतन वापस वसूला जाए।
उक्रांद नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी व्यापक आंदोलन शुरू करेगी और कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी। उन्होंने इसे राज्य की जनता के साथ विश्वासघात और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया।
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Reported By: Shiv Narayan