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ब्यूरो: केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने दो दिवसीय चिंतन शिविर के समापन के मौके पर वंचित तबके के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य एक रथ के दो पहिए हैं, और रथ तभी तेजी से चलेगा जब दोनों पहिए सही होंगे। शिविर में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जहां राज्यों के मंत्री अपनी समस्याएं और सुझाव लेकर आए, जिन्हें केंद्रीय मंत्री और उनकी टीम ने गंभीरता से सुना।
समापन समारोह में डॉ कुमार ने राज्य सरकारों को योजनाओं के क्रियान्वयन में जिम्मेदारी से काम करने की अपील की, ताकि योजनाएं सफल हो सकें। उन्होंने उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों की तारीफ की, खासकर नशामुक्ति अभियान और ट्रांसजेंडर कल्याण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की।
हालांकि, उन्होंने कुछ राज्यों की कमियों को भी रेखांकित किया, जैसे एससी जाति के बच्चों के लिए विदेश में पढ़ाई की योजना में अनुपस्थिति और उपयोगिता प्रमाणपत्र में विलंब। उन्होंने राज्यों से इन मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की।
इसके अलावा, डॉ कुमार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए हर जिले में ओल्ड एज होम खोलने का प्रस्ताव भी रखा और एससी समुदाय के लिए विशेष न्यायालय और थानों की आवश्यकता पर बल दिया।