प्तपुरियों में एक, गँगा जी का विश्व विख्यात तीर्थ, महादेव भगवान शिव की ससुराल (दक्ष प्रजापति) बावन भगवती की विश्व की सिद्ध पीठों में एक श्री माया देवी का मंदिर हरिद्वार आज काफी दयनीय स्थिती में हैं, ना यहाँ शुव्यवस्थित सड़कें है। नालियाँ टूट कर सड़कों पर बह रही हैं। हरिद्वार नगर निगम के महापौर चुनाव में हरिद्वार को इन्दौर की तर्ज पर सफाई में अव्वल, बनाने का दावा करने वाले फिलहाल कुंभकर्णी नींद में चीर निंद्रा में लीन हैं।
धर्मकी इस नगरी में प्रतिबन्धित होने के बावजूद, गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले में अवैध जहरीली शराब, स्मैक, चरस गाँजा बिक रहा है। पुलिस, प्रशासन, जनप्रतिनिधि तथा कुछ छुटमैय्ये तथाकथित पत्रकार सब की संतुष्टि के कारण सब खामोश हैं। धर्मनगरी में सब कुछ अव्यवस्थित है। यहाँ के रहनुमा केवल, हरिद्वार के दोहन में मशगूल है।
भौतिक पूंजी के प्रवाह में गगाँ का प्रवाह धीमा पड़ता जा रहा है। भौतिक सुख की लपट प्रतिद्वंद्विता, यहाँ धर्म नगरी में घिनौने अपराधों को जन्म दे रही है, हरिद्वार के दर्द को समझने वाला कोई नहीं।
जन प्रतिनिधि चुनाव जीतकर दोबारा पाँच साल हरिद्वार की सुध नहीं लेते उनके नाम पर उनके पिछलग्गू अधिकारियों पर रौब गालिब कर कमाने, खाने में जुटे हैं।
भानुमति के कुनबे मे इधर उधर से इक्कठे अर्जी-फर्जी अपने आकाओं की आड़ मे लूट खसोट मे व्यवस्त हैं।
हाँ हरिद्वार में क्रिकेट व इनडोर स्टेडियम जैसे अंर्तराज्यीय व राष्ट्रीय स्तर के खेल काम्प्लेक्स बना कर हरिहार रुडकी विकास प्राधिकरण ने जरूर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि इस धर्म नगरी को दी हैं। जिससे युवा खिलाड़ी उत्साहित है।
Reported By: Ramesh Khanna