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उत्तराखंड लागू करेगा देश की प्रथम योग नीति: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Uttarakhand

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देहरादून:
उत्तराखंड सरकार देश की पहली योग नीति लागू करने की दिशा में कार्यरत है। यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के उद्घाटन के दौरान की। उन्होंने कहा कि यह नीति योग और आयुर्वेद को एकीकृत कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार और क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “योग नीति के माध्यम से हम आयुर्वेद और योग को व्यापक रूप में एक मंच पर लाकर, इसे वैश्विक पहचान देंगे।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस आयोजन में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6,000 विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।


आयुर्वेद के क्षेत्र में नई पहलें

मुख्यमंत्री ने आयुष मंत्रालय से उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान में एक मील का पत्थर साबित होगा।
प्रदेश सरकार आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए आयुष्मान आरोग्य केंद्र, ई-संजीवनी पोर्टल और मॉडल आयुष गांव जैसी योजनाएं चला रही है। साथ ही, 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में औषधीय जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है।


आयुर्वेद की वैश्विक पहचान

केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि आयुर्वेद उत्पाद अब 150 से अधिक देशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने एक ही छत के नीचे सभी आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधि केंद्र स्थापित करने का भी वादा किया।
यह पहल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान से शुरू हो चुकी है, और जल्द ही देशभर में लागू होगी।


सम्मेलन का महत्व

सम्मेलन में हिमालयी जड़ी-बूटियों की महत्वता और उनके वैश्विक बाजार में प्रचार-प्रसार पर चर्चा हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर एक संदेश भेजकर आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।
सम्मेलन में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, और आचार्य बालकृष्ण जैसे विशिष्ट व्यक्तियों ने भाग लिया।


मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “उत्तराखंड प्राचीनकाल से आयुर्वेद की प्रज्ञा भूमि रही है। आयुर्वेद न केवल रोगों का उपचार करता है, बल्कि उन्हें होने से रोकने का एक जीवनशैली आधारित दृष्टिकोण प्रदान करता है।”
उन्होंने इस आयोजन को आयुर्वेद, योग और आधुनिक तकनीक के संगम का प्रतीक बताया।

 

Uttarakhand

-Crime Patrol

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