देहरादून। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर केदारनाथ उपचुनाव से पूर्व प्रशासनिक समिति की परीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 20 नवंबर से पहले रिपोर्ट और कमेटी के निर्णय को संगठन के प्रतिनिधिमंडल के सामने प्रस्तुत नहीं किया गया, तो वे पुनः सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
प्रमुख मुद्दे और संगठन की मांगें:1. पंचायत कार्यकाल विस्तार:
– राज्य के 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत सदस्यों के कार्यकाल को दो वर्ष बढ़ाने की मांग उठाई जा रही है।
– मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही एक कमेटी का गठन कर परीक्षण रिपोर्ट मांगी थी, जो अब सचिवालय को भेजी जा चुकी है।
2. संगठन का असंतोष:
– संगठन के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा एक माह का आश्वासन दिया गया था, परंतु तीन महीने बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
– संगठन ने ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि केदारनाथ उपचुनाव से पहले परीक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
3. एक राष्ट्र, एक चुनाव का समर्थन:
– संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के विजन का समर्थन करते हुए उत्तराखंड में भी एक ही समय पर पंचायत चुनाव कराए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
– हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इसी दिशा में उठाए गए कदम का हवाला देते हुए, संगठन ने उत्तराखंड में भी इस नीति को अपनाने की मांग की।
4. सड़कों पर उतरने की चेतावनी:
– यदि 20 नवंबर से पहले सरकार परीक्षण रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करती है, तो संगठन सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा। इसका पूरा जिम्मा राज्य सरकार पर होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में पिथौरागढ़ के जौलजीबी में संगठन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी और सकारात्मक निर्णय का आश्वासन दिया था। हालांकि, संगठन अब सरकार की ओर से और अधिक इंतजार करने के मूड में नहीं है।
इस मामले पर राज्य सरकार की आगामी प्रतिक्रिया का सभी को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि यह राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक माहौल को प्रभावित कर सकता है।
–Crime Patrol