विकासनगर। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले सिंहपुरा-नावघाट पुल की कनेक्टिविटी के लंबे समय से लंबित मामले में अब समाधान की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सचिव, लोक निर्माण विभाग (उत्तराखंड) ने हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया है। यह पत्र 4 दिसंबर 2024 को मुख्य सचिव के निर्देश पर भेजा गया।
पृष्ठभूमि और समस्या
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने इस पुल की अप्रभावी उपयोगिता और कनेक्टिविटी की कमी को लेकर लगातार आवाज उठाई है। नेगी ने बताया कि करोड़ों रुपये की लागत से बना यह पुल विभागीय नासमझी और समन्वय की कमी के कारण शोपीस बनकर रह गया है। जनता को इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा, और सरकारी धन बेकार हो रहा है।
पुल का निर्माण अप्रैल 2015 में स्वीकृत किया गया था। करीब दो साल पहले यह तैयार हो गया, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार से एमओयू साइन किए बिना ही कनेक्टिविटी का काम शुरू कर दिया गया। भूमि अधिग्रहण और आवश्यक लिखित समझौतों के अभाव के कारण यह परियोजना अधूरी रह गई।
मुख्य सचिव के निर्देश और मोर्चा का प्रयास
नेगी के आग्रह पर मुख्य सचिव ने सचिव, लोक निर्माण विभाग को हिमाचल प्रदेश सरकार से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत अब सचिव, लोक निर्माण विभाग ने पत्र प्रेषित किया है।
जन संघर्ष मोर्चा की टीम ने इस पुल का निरीक्षण किया था और वस्तुस्थिति को समझा। नेगी ने कहा कि पुल के निर्माण से पहले हिमाचल सरकार से कोई औपचारिक सहमति नहीं ली गई, जो परियोजना के लिए बाधा बनी।
आगे की उम्मीदें
मोर्चा को भरोसा है कि अब संबंधित सरकारों के बीच संवाद और समन्वय के बाद कनेक्टिविटी का यह मामला हल हो जाएगा। यदि ऐसा होता है, तो यह पुल दोनों राज्यों के निवासियों के लिए महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा और क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को गति देगा।
नेगी का बयान
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा, “यह परियोजना विभागीय लापरवाही का उदाहरण है। यदि पहले ही हिमाचल प्रदेश सरकार से औपचारिक समझौता किया गया होता, तो यह पुल आज जनता के उपयोग में होता। हमें उम्मीद है कि अब दोनों राज्य सरकारें मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालेंगी।”
यह पुल न केवल दोनों राज्यों के बीच बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। जनता और सरकार को इसके शीघ्र समाधान का बेसब्री से इंतजार है।