उत्तराखंड,
केदारनाथ उपचुनाव के बीच राज्य में एक बार फिर यूसीसी पर नया सियासी संग्राम छिड़ गया है। दअरसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य में यूसीसी लागू करने की घोषणा की थी लेकिन ऐसा हुआ नही.. UCC का इंतज़ार एक़ बार फिर बढ़ गया है. बता दे की धामी सरकार ने 27 मई 2022 को रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता का प्रारूप बनाने के लिए समिति का गठन किया। वही अब करीब डेढ़ माह बाद 2024 की विदाई होने जा रही है…लेकिन अबतक यूसीसी को सरकार लागू नही करा पाई है… विपक्ष का आरोप है की सरकार जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाने के लिए यूसीसी की आड़ ले रही है. विपक्ष का कहना है की यूसीसी जनता की मांग नही जनता की मांग रोजगार, सशक्त भू क़ानून और मूल निवास लागू करने की है जिसके लिए लगातार आंदोलन किया जा रहा है.बावजूद इसके सरकार जनहित के मुद्दों पर ध्यान नही दे रही है. वही सत्तापक्ष ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन किया है. सत्तापक्ष का तर्क है की यूसीसी जल्द होगा सरकार ने यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है यह समिति तकनीकी पक्षों पर विचार करेगी इसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे कार्रवाई करेगी.सवाल ये है कि क्या यूसीसी असल मुद्दों से ध्यान हटाने का तरीका है। आखिर इसके लागू होने से क्या फायदा और नुकसान होगा,
उत्तराखंड में UCC का इंतज़ार एक़ बार फिर बढ़ गया है… दअरसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य में यूसीसी लागू करने का दावा किया था. वही 9 नवम्बर को स्थापना दिवस का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है लेकिन यूसीसी को सरकार लागू नही करा पाई है. इस बीच सरकार ने समान नागरिक संहिता अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है, जिसे राज्यपाल ने स्वीकृति दी है। यह समिति यूसीसी लागू करने से संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मियों के प्रशिक्षण, मार्गदर्शन, पोर्टल आदि में मार्गदर्शन और परामर्श सहायता देगी।
देखे वीडियो-
महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
जय प्रकाश उपाध्याय, केंद्रीय उपाध्यक्ष, यूकेडी
Reported by- Shiv Narayan