ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद शहरी विकास विभाग ने नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायत के अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की स्थिति लगभग साफ कर दी है। आरक्षण की नियमावली तय करने के बाद आपत्तियों के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। लेकिन इस प्रक्रिया पर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष, दोनों से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने ओबीसी आरक्षण प्रक्रिया को निराधार बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे भाजपा द्वारा मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया। महारा ने आरोप लगाया कि 10,000 से कम एससी आबादी वाली नगरपालिकाओं को आरक्षण से बाहर करना एससी वर्ग के प्रति भाजपा की नकारात्मक सोच का परिचायक है।
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“आरक्षण प्रक्रिया पर भाजपा ने हमारे प्रदत्त अधिकारों पर कुठाराघात किया है। यह मौलिक अधिकारों का हनन है और एससी वर्ग के प्रति भाजपा की सोच को उजागर करता है।” – करण महारा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
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करण माहरा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस
-Crime Patrol