आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कदम उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि वे अन्ना हजारे के आंदोलन के समय से पार्टी से जुड़े थे और दिल्ली की सेवा एम.एल.ए और मंत्री के रूप में करते आए हैं।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया और इसे किसी दबाव या मजबूरी के कारण नहीं किया गया है। उन्होंने उन अफवाहों को खारिज किया जिसमें कहा जा रहा था कि उन्होंने ईडी या सी.बी.आई के दबाव में इस्तीफा दिया है।
गहलोत ने स्पष्ट किया कि उनका पूरा राजनीतिक करियर दबाव से मुक्त रहा है और उन्होंने हमेशा स्वतंत्र रूप से कार्य किया है। उन्होंने बताया कि वे पेशे से वकील रहे हैं और वकालत छोड़कर एक विचारधारा के प्रति आस्था के चलते पार्टी से जुड़े थे।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में उनका मकसद केवल जनसेवा और दिल्ली के विकास के लिए काम करना था।
–Crime Patrol