देहरादून। देश में पहली बार मात्र ढाई दिन की बच्ची का देह दान कर मानवता की मिसाल पेश की गई है। बच्ची का निधन हृदय संबंधी रोग (एसफिक्सिया बीमारी) के कारण हुआ। यह ऐतिहासिक कदम दून अस्पताल में उठाया गया, जहां बच्ची के परिवार ने देह दान का निर्णय लिया।
बच्ची के पिता, राम मिहर, हरिद्वार में एक फैक्ट्री में काम करते हैं। परिवार को देह दान के लिए हरिद्वार के डॉक्टर राजेंद्र सैनी ने प्रेरित किया। उन्होंने परिवार को यह समझाया कि बच्ची का देह दान चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है।
दून अस्पताल की प्रचार्य डॉ. गीता जैन ने बताया कि यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में अद्वितीय है। “महज ढाई दिन की बच्ची के देह दान का यह देश का पहला मामला है। यह निर्णय समाज को एक नई दिशा देने वाला है,” उन्होंने कहा।
परिवार के इस निर्णय को चिकित्सा समुदाय और समाज ने सराहा है। यह कदम न केवल मानवता के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि चिकित्सा अनुसंधान में भी एक बड़ा योगदान देगा।
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डॉ गीता जैन, प्रचार्य, दून अस्पताल
Reported by- Tilak Sharma