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मेघालय सरकार ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जब पहली बार 15 मेट्रिक टन मेघालय अदरक को समुद्री मार्ग से दुबई के लुलु ग्रुप को निर्यात किया गया। यह कदम APEDA के सहयोग और ईस्टर्न री-भोई ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (FPC) की मदद से संभव हुआ। इस निर्यात से मेघालय के कृषि निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है, साथ ही राज्य के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा।
मेघालय के किसानों ने कई चुनौतियों का सामना किया है, जैसे छोटे खेत और सीमित ऋण सुविधाएं, लेकिन सरकार की पहलों ने उन्हें सहकारी समितियों के माध्यम से अदरक की खेती और विपणन में सफलता दिलाई है। ईस्टर्न री-भोई ऑर्गेनिक FPC के माध्यम से 9 गांवों के 500 से अधिक किसानों को बेहतर दाम और बाजार तक पहुंच मिल रही है। 2018-19 में ₹17 लाख का राजस्व अब ₹3.74 करोड़ तक पहुंच चुका है।
इस ऐतिहासिक फ्लैग-ऑफ कार्यक्रम में APEDA, IFAD और मेघालय सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। APEDA के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने इस निर्यात को एक बड़ा कदम बताया, जो भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाएगा। IFAD के कंट्री डायरेक्टर अब्देलकरीम समा ने सहकारी संगठनों की भूमिका पर जोर दिया, जो किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
राज्य सरकार अब री-भोई जिले में नॉर्थ ईस्ट इंडिया का पहला ऑर्गेनिक सर्टिफाइड मसाला प्रसंस्करण केंद्र बना रही है, जिससे किसानों की उत्पादन क्षमता और प्रसंस्करण में सुधार होगा। इस पहल से मेघालय की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
Reported By: Arun Sharma