देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में आयोजित दो दिवसीय “सौर कौथिग” मेले का उद्घाटन किया। यह उत्तराखंड का पहला सोलर मेला है, जो ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीएम सूर्यघर योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, और सोलर वाटर हीटर योजना के लाभार्थियों को अनुदान राशि के चेक प्रदान किए। इसके साथ ही यूपीसीएल मुख्यालय में सौर ऊर्जा आधारित म्यूरल आर्ट का लोकार्पण और सौर ऊर्जा जन-जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन आगामी 100 दिनों तक राज्यभर में सौर ऊर्जा के उपयोग से संबंधित जानकारी प्रसारित करेगी।
मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा सीमित जीवाश्म ईंधन का स्वच्छ और असीमित विकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने 2030 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 100 गीगावाट उत्पादन और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य रखा है।
राज्य सरकार ने 2027 तक 250 मेगावाट आवासीय सौर ऊर्जा और कुल 2500 मेगावाट क्षमता वाले सोलर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है, जिसके तहत शासकीय भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं।
सरकार की योजनाएं और उपलब्धियां
- सोलर पावर प्लांट पर 70% सब्सिडी: केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दी जा रही है।
- पीएम सूर्यघर योजना: अब तक 11,000 लाभार्थियों को 90 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया।
- सोलर वाटर हीटर पर सब्सिडी: घरेलू और गैर-घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए 30-50% तक अनुदान।
- मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना: स्वरोजगार के लिए सोलर पावर प्लांट स्थापना को बढ़ावा।
- नेट मीटरिंग प्रक्रिया: इसे सरल बनाया गया है, और 10 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम को तकनीकी आकलन से बाहर रखा गया है।
सौर कौथिग के प्रभाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सात महीनों में उत्तराखंड में 23 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की गई है। इस मेले के माध्यम से सौर ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक गति मिलने की उम्मीद है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि
इस आयोजन में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजान दास, सविता कपूर, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, और कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड “सौर समृद्धि” के माध्यम से राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने में अपना योगदान देगा।
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-Crime Patrol