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मेघदूत नाट्य संस्था की प्रस्तुति “अमर तिलोगा” नाटक का दून के टाऊन हॉल में मंचन रविवार को

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देहरादून: उत्तराखंड की प्रमुख नाट्य संस्था मेघदूत द्वारा उत्तराखंड की अमर प्रेम कथा पर आधारित नाटक “अमर तिलोगा” का मंचन रविवार को देहरादून के टाऊन हॉल में शाम छह बजे से किया जाएगा। नाटक का निर्देशन मेघदूत के संस्थापक और प्रसिद्ध रंगकर्मी एस. पी. ममगाईं द्वारा किया जा रहा है।

यह नाटक गढ़वाल की धरती पर घटित अमरदेव सजवाण और तैड़ी की तिलोगा के प्रेम प्रसंग पर आधारित है। मेघदूत नाट्य संस्था की स्थापना के बाद से अब तक 25 वर्षों में डेढ़ दर्जन प्रमुख नाटकों के कई शो किए गए हैं। संस्था की पहली प्रस्तुति अष्टावक्र नाटक थी, उसके बाद कई प्रसिद्ध नाटक जैसे संजीवनी, औरंगजेब की आखिरी रात, यमपाल, संगमरमर पर एक रात, श्रीकृष्ण अवतार, वीर अभिमन्यु, ऊषा अनिरुद्ध, ज्योतिर्मय पद्मिनी, तीलू रोतेली और ‘भय बिनु होई ना प्रीति’ का मंचन किया जा चुका है।

इस नाटक में तिलोगा और अमरदेव की प्रणय गाथा को दर्शाया गया है, जो अब तक बहुत कम लोगों तक पहुंच पाई है। इस गाथा को लेकर मेघदूत के संस्थापक एस. पी. ममगाईं ने गहन शोध किया और इसे नाटक के रूप में प्रस्तुत किया। ममगाईं ने इस कथा को अपनी पुस्तक “उत्तराखंड के ऐतिहासिक नाटक” में पहले प्रकाशित किया था और अब इसका मंचन हो रहा है।

नाटक हिंदी में होने के बावजूद, इसमें गढ़वाली भाषा के शब्दों और गीतों का समावेश किया गया है, जिससे स्थानीय आंचलिकता और कथा का बोध दर्शकों को और भी सजीवता से मिलता है। यह नाटक करीब चार सौ वर्ष पुराना है, और मेघदूत के कलाकारों ने इसके लिए विशेष प्रशिक्षण लिया है।

मेघदूत नाट्य संस्था के निर्देशक एस. पी. ममगाईं का मानना है कि ऐतिहासिक नाटकों का मंचन एक कठिन कार्य है, लेकिन मेघदूत इसे बखूबी कर रहा है। कोरोनाकाल के दौरान जब रंगकर्म के क्षेत्र में सन्नाटा था, तब मेघदूत ने “भय बिनु होई ना प्रीति” नाट्य प्रस्तुति के साथ रंगमंच पर हलचल मचाई थी। गोस्वामी तुलसी दास की कृति रामचरित मानस के सुंदर कांड पर आधारित इस नाटक को दर्शकों ने खूब सराहा।

यह नाटक अब तक कई शो हो चुके हैं और अगला शो भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में होगा।

नाटक का समय और स्थान:
समय: रविवार शाम 6 बजे
स्थान: टाऊन हॉल, देहरादून

इस अवसर पर मेघदूत नाट्य संस्था के कलाकारों ने इस ऐतिहासिक प्रेम कथा को जीवंत रूप से मंच पर प्रस्तुत करने के लिए अथक मेहनत की है, और यह नाटक निस्संदेह दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ेगा।

Reported By : Aruna Sharma

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