लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ विधायक दिलीप रावत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच की बढ़ती तल्खी किसी से छुपी नहीं है। दोनों नेता अक्सर एक-दूसरे पर जुबानी हमले करते रहे हैं और यह राजनीतिक संघर्ष अब सार्वजनिक मंचों पर भी खुलकर सामने आता है। ताजा घटनाक्रम में दिलीप रावत ने हरक सिंह रावत को लेकर एक तीखी टिप्पणी की है, जो अब राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है।
पत्रकारों द्वारा जब दिलीप रावत से हरक सिंह रावत के बारे में सवाल किया गया, तो भाजपा विधायक ने बिना कोई झिझक के अपनी राय रखी। दिलीप रावत ने कहा, “हरक सिंह रावत के बारे में अब कोई नई बात कहने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके बारे में सभी जानते हैं। उनका हालात यह है कि अब वे खुद ही अपने हर कदम से अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं।” इस टिप्पणी के बाद दिलीप रावत ने यह भी जोड़ा कि हरक सिंह रावत अपनी पुरानी पार्टी को छोड़कर बीजेपी से कांग्रेस में आए, और फिर एक बार बीजेपी में लौटे, लेकिन उनकी राजनीति में स्थिरता की कमी साफ़ दिख रही है।
विधायक रावत ने आगे कहा कि हरक सिंह रावत की लगातार बदलती राजनीति से साफ़ होता है कि वे सिर्फ अपनी सत्ता और पद के लिए इस तरह की हरकतें करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रावत केवल अपनी व्यक्तिगत राजनीति के लिए राज्य की जनता और पार्टी की नीतियों के साथ खेलते हैं।
इस टिप्पणी के बाद से ही हरक सिंह रावत पर नए सिरे से सवाल उठने शुरू हो गए हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता अभी तक इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आ रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के बीच की तल्खी अब एक नई दिशा में बढ़ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लैंसडाउन क्षेत्र में चल रहे इस विवाद का सीधा असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है, क्योंकि दोनों ही नेता अपने-अपने पक्ष से काफी मजबूत हैं और उनका सार्वजनिक झगड़ा क्षेत्रीय राजनीति में नई चुनौतियां पैदा कर सकता है। इस संघर्ष को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी दिनों में इस विवाद में और भी तूल मिल सकता है, जिससे राजनीतिक माहौल और गरम हो सकता है।
बहरहाल, दिलीप रावत और हरक सिंह रावत के बीच की यह तल्खी न केवल लैंसडाउन क्षेत्र, बल्कि उत्तराखंड की राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जिसे आगामी चुनावी परिणामों पर भी प्रभाव डालने का खतरा हो सकता है।
Reported by : Arun Saini