पिथौरागढ़,
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने जानकारी दी कि पिथौरागढ़ में चल रही टेरिटोरियल आर्मी भर्ती के दौरान अचानक उत्पन्न भीड़ की स्थिति को प्रशासन ने पूरी तत्परता से संभाला। इस भर्ती में उत्तराखंड और देश के अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों ने भाग लिया।
दानापुर भर्ती निरस्तीकरण बना समस्या का कारण
दानापुर (बिहार) में 17 नवंबर को आयोजित भर्ती को अचानक रद्द कर दिया गया था, जिसकी सूचना जिला प्रशासन को 18 नवंबर को मिली। इससे उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थी, जो दानापुर में भाग लेने वाले थे, बड़ी संख्या में पिथौरागढ़ पहुंच गए। 18 और 19 नवंबर को टनकपुर से भारी संख्या में अभ्यर्थियों के पिथौरागढ़ आगमन ने स्थिति चुनौतीपूर्ण बना दी।
प्रशासनिक तैयारियां और व्यवस्थाएं
भर्ती प्रक्रिया के दौरान:
- अस्थाई बस अड्डा: ए.पी.एस. मैदान में बस अड्डा बनाया गया, जहां पेयजल, स्वास्थ्य और ठहरने की व्यवस्था की गई।
- रात्रि ठहराव: 19 सरकारी और निजी विद्यालयों को अभ्यर्थियों के लिए रात्रि विश्राम स्थल बनाया गया।
- लंगर और अलाव: नगर क्षेत्र और भर्ती स्थल के बीच 10 स्थलों पर लंगर और 25 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई।
- परिवहन: 677 वाहनों (295 बसें और 322 टैक्सियां) से अभ्यर्थियों को टनकपुर वापस भेजा गया।
- सुरक्षा: पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों को प्रमुख स्थलों पर तैनात किया गया।
भर्ती प्रक्रिया और प्रबंधन
12 से 19 नवंबर के बीच 8,274 अभ्यर्थियों ने विभिन्न राज्यों की तिथियों में भाग लिया। 21 नवंबर तक 25,000 अभ्यर्थियों में से 18,000 भर्ती प्रक्रिया पूरी कर वापस जा चुके थे। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में स्थिति पूर्ण नियंत्रण में है।
समस्या का मुख्य कारण
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दानापुर की भर्ती के अचानक रद्द होने और तिथियों के पुनर्निर्धारण में देरी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। यदि टेरिटोरियल आर्मी समय पर सूचना देती, तो इस असुविधा से बचा जा सकता था।
जिला प्रशासन ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए युद्धस्तर पर काम किया और स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला।
-Crime Patrol